Haryana: उच्चतर शिक्षा पर खर्च होंगें 250 करोड़ रुपए : राज्यपाल

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हरियाणा: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा के विश्वविद्यालयों में उद्योगों की जरूरतों के अनुसार उद्यमों और विश्वविद्यालय की आपसी साझेदारी के साथ विद्यार्थियों को ऑन जॉब ट्रेनिंग के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। आज के दौर में हमें इसी प्रशिक्षण की सबसे अधिक आवश्यकता है। इसी प्रक्रिया में विद्यार्थियों को कला, मानविकी, विज्ञान और कौशल आधारित पाठ्यक्रमों के समावेश वाली विविधतापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था भी इस शिक्षा नीति के तहत सुनिश्चित की गई है। नई शिक्षा नीति के इन चमत्कारिक पहलुओं का फायदा उठाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस शिक्षा नीति को साल 2025 तक ही लागू करने का निर्णय लिया है IGU 5 11zon जबकि पूरे देश में इसे लागू करने की समय सीमा 2030 रखी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से शिक्षा के लिए नए बजट में लगभग अठारह प्रतिशत की वृद्धि करते हुए बीस हजार दो सौ पचास करोड़ रुपए का आवंटन किया है। नए चरण का शुभारंभ है दीक्षांत समारोह :राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल शैक्षणिक डिग्री के वितरण का कार्यक्रम नहीं है और न ही यह शिक्षा का अंत है। यह तो नए चरण का शुभारंभ है जहां से विद्यार्थी शैक्षणिक संस्थाओं से प्राप्त सैद्धान्तिक ज्ञान का उपयोग अपने व्यवहारिक जीवन में करने के लिए आगे बढ़ते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों, संस्थानों तथा औद्योगिक इकाईयों से समझौता ज्ञापन किए गए है। बेटियां नहीं किसी से कम राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि आज भी हमारे समाज की सोच बेटियों को लेकर विडम्बनापूर्ण एवं विसंगतिपूर्ण है। बेटी को न पढ़ाना, उन्हें जन्म से पहले मारना, घरेलू हिंसा, दहेज को लेकर बेटियों पर अत्याचार करना हमारे समाज पर कलंक है। हमें यह समझना जरूरी है कि बेटियां बोझ नहीं होती, बल्कि आपके परिवार, समाज एवं राष्ट्र का एक अहम हिस्सा होती हैं, एक बड़ी ताकत होती है।Haryana: रोजगारपरक शिक्षा आज के समय की जरूरत : राज्यपाल आज बेटियां चांद तक पहुंच गई है, कोई भी क्षेत्र हो बेटियों ने अपना दमखम दिखा दिया है और बता दिया है कि वे किसी से कम नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बड़ी संख्या में छोटे शहरों और गांवों की लड़कियां पढ़-लिखकर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वे उन क्षेत्रों में जा रही हैं, जहां उनके जाने की कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा कर रही है।