रेवाडी। लेह में डयूटी के दौरान बंकर में लगी आग में फंसे साथियों को बचाते हुए शहीद हुए सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान के पृतक गांव रतनथल पंहूचकर पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के परिवार को ढांढस बंधवाते हुए कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि देश के जवान को खोने का दुख पूरे ईलाके को है आज हम चैन की सांस ले पाते हैं वो सिर्फ देश की सेना की बदौलत है।
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उनके पिता भवानी सिंह ने बताया कि हमारा परिवार और ग्रामीण चाहते हैं कि पाल्हावास से रतनथल की सडक का नाम शहीद शमशेर सिंह के नाम पर रखा जाए जोकि सरकार को जल्द से जल्द इनकी मांग को पूरा करना चाहिए।
कैप्टन अजय सिंह ने बताया कि गांव रतनथल निवासी 41 वर्षीय शहीद शमशेर सिंह चौहान आर्मी एजूकेशन कोर में 22 मेक लेह लद्दाख में सूबेदार मेजर के पद पर तैनात थे। गत 2 जनवरी की रात को अपने साथियों के साथ बंकर में मौजूद थे कि इसी दौरान साथ वाले बंकर में आग लगने की सूचना पाकर सैनिकों को बचाने के लिए शमशेर सिंह चौहान व उनके साथी वहां पहुंचे और वहां उन्होंने सभी जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
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लेकिन बंकर में एक सिगड़ी में हुए बलास्ट की चपेट में सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान आ गए। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। शमशेर सिंह एक निर्भीक और हंसमुख प्रवृति के इंसान थे। उन्होंने बताया कि शमशेर सिंह चौहान तीन बहनों का अकेला भाई था। इसी माह ही उन्हें प्रमोशन से सूबेदार मेजर रैंक मिला था। 41 वर्षीय शमशेर सिंह चौहान अपने पीछे पिता भवानी सिंह, माता कमलेश देवी, पत्नी रजनी देवी, 17 वर्षीय बेटे प्रयाग और दो बेटियों फाल्गुनी व धनिया को छोड़ गए।
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