सुनील चौहान। धारूहेडा: औद्योगिक कस्बे में प्राकृतिक खेती कर रहा किसान किसी परिचय का मोहताज नही है। इनका फॉर्म दक्षिणी हरियाणा का सबसे बड़ा फॉर्म है। इनके फॉर्म के उत्पादों की पहुंच दिल्ली तक है। हाल में ताज होटल को सब्जी देने का टाइअप किया गया है।सैनिक स्कूल रेवाड़ी में प्रवेश परीक्षा के लिए 16 तक करे ऑनलाइन आवेदन
रेवाड़ी जिले के कवाली गांव निवासी यशपाल खोला कसबा धारूहेडा में बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती करते हैं। किसान अपने साथ अन्य किसानों व ऐग्रिकल्चरल के बच्चो को भी प्राकृतिक खेती करने का प्रशिक्षण देते हैं। नारनौल, रेवाडी, धारुहेडा, भिवाडी, गुरुग्राम, दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा कि सोसाइटीयों के लोग आज कल इनकी सब्जियों के मुरीद हैं। उन्होंने बताया कि आर्ट से स्नातक व चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार से केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स कोर्स करने के बाद यह जैविक खेती का काम शुरू कर दिया था।
20 से ज्यादा मौसमी मौसमी सब्जियां कर रहे पैदा: सर्दी के मौसम में यहां 20 से ज्यादा मौसमी सब्जियां, दालें, अनाज, सरसों तेल फार्म पर तैयार किया जा रहा है। आज हरियाणा के साथ साथ नजदीक के राज्यों के किसान यहां से प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लेने के लिए लाईन लगाए खड़े नजर आते हैं। आठ टाइप कि पत्तों वाली हरी सब्जियों के साथ तीन टाइप कि गाजर, मूली, सलगम, चुकन्दर, आलू, प्याज आदि मौसमी सब्जियों को प्राकृतिक संसाधनों से तैयार करते हुए लोगों के स्वास्थ्य को खतरे से बचाने का बड़ा काम करने मे लगे हैं।REWARI:डेढ माह बाद भी नहीं मिली लापता लडकी, मां बाप का रो रोकर बुरा हाल
प्रति एकड़ 20-25 हजार खर्च, लाखों में कमाई
उन्होंने बताया कि सीज़न में प्रति एकड़ 20 से 25 हजार का खर्चा आता है, जिसमें जैविक खाद व लेबर खर्च शामिल हैं। इसके अलावा मार्केट के लिए पैकेजिंग, वाहन, होम डिलीवरी का चार्ज आता है। यानी सीज़न का कुल खर्च प्रति एकड़ 40 से 45 हजार तक पहुंच जाता है। इनकम सीज़न पर निर्भर है।
कई बार पाला पड़ने व मौसम ख़राब होने की वजह से फसल भी प्रभावित हो जाती है, जिसके कारण नुक़सान भी उठाना पड़ता है। वहीं, अगर सबकुछ सही रहा तो प्रति एकड़ लाख से डेड लाख की इनकम भी प्राप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि वो मिश्रित खेती करते हैं। एक क्रोप में नुक़सान हो तो दुसरी क्रोप से आय बनी रहे, ताकि आर्थिक संकट पैदा न हो।हरियाणा के रेवाड़ी दुकानदार व बारातियों में झडप, दुल्हा व दुल्हन ने छीपकर बचाई जान
कई पुरुस्कार अपने नाम कर चुके हैं यशपाल:
यशपाल खोला को सब्जी एक्सपो 2019 करनाल में गाजर की खेती में हरियाणा में पहला स्थान पाने पर कृषि मंत्री व इजराइल के कृषि विशेषज्ञों द्वारा सम्मानित किया गया था। शताब्दी सीड्स कंपनी ने उन्हें अपना प्रचारक बनाया, वहीं किसान दिवस पर प्रगतिशील किसान अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें जिला रेवाडी 2022 में जैविक खेती का प्रशासनिक ब्रॉडं एबैंसडर बनाया गया है।
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