रेवाड़ी: जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार तेजी बढ़ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि कोविड सैंपल ज्यादा लिए और संक्रमण के मामले अधिक आ रहे हैं। दिसंबर माह में जहां मात्र छह संक्रमित आए थे वहीं जनवरी में पंद्रह दिन में ही 670 मामले आ चुके हैं। शनिवार को एक बार फिर 90 कोरोना संक्रमित मिले है। जिसके चलते एक्टिव केसो की संख्या 366 हो गई है।
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साल दिसंबर माह के समाप्त होने के साथ कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने आरंभ हुए जो इन दिनों लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार को 92 कोविड संक्रमित पाए गए। वर्तमान में 366 कोविड संक्रमण के सक्रिय मामले हैं। वहीं इस साल अभी कोविड संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई है। शनिवार को 69 नागरिक कोविड संक्रमण से स्वस्थ हुए हैं। पिछले साल दिसंबर में भी कोविड सैंपल इतने ही होते रहे हैं और सैंपल रिपोर्ट भी लंबित होती रही है। इस बार जनवरी माह में कोविड संक्रमण के मामले बढ़ना चिता का विषय है। पिछले साल एक से 15 जनवरी के दौरान सक्रिय मामले 50 से कम थे। इस बार पंद्रह दिनों के दौरान 670 नए मामले आ चुके हैं।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए शासन-प्रशासन के साथ ही आमजन को सावधानी रखते हुए सुरक्षित स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र तैयार करना है। जिला रेवाड़ी में कोरोना से बचाव के मद्देनजर उठाए जा रहे कदमों के फलीभूत रिकवरी रेट 97 फीसदी से अधिक है, ऐसे में और अधिक सजगता के साथ कोरोना संक्रमण चक्र के फैलाव को रोकने में सभी की भागीदारी बेहद जरूरी है। डीसी ने जिलावासियों से कोरोना से दूरी बनाए रखते हुए सहभागी कदम उठाने की अपील की है।
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डीसी यशेन्द्र सिंह ने कहा कि किसी भी रूप से स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कोरोना सुरक्षा चक्र को कमजोर कर सकती है, ऐसे में जिलावासी मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र बनाये रखते हुए कोरोना से दूरी बनाए रखें। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन के लिए सतर्कता व जागरूकता के साथ- साथ अपने स्वास्थ्य की देखभाल रखने संबंधी आवश्यक हिदायतें भी जारी की हैं। ये हिदायतें आईसीएमआर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जनहित में जारी की गई हैं।
प्रशासन ने की जारी एडवाईजरी:
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चेयरमैन एवं डीसी यशेन्द्र सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी बारे जागरूक करते हुए बताया कि जिन लोगों को खासी, जुकाम, बुखार ,गले में खराश ,स्वाद या गंध का चले जाना, सांस लेने में कठिनाई संबंधी कोई भी समस्या हो तो उन्हें तुरंत अपना टेस्ट करवाने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि 60 साल से अधिक आयु के व्यक्ति, कोमोरबिड बीमारियो जैसे शुगर, हाइपरटेंशन, फेफड़ो या किडनी की बीमारी से ग्रसित हो आदि जो कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हो, को अपना कोरोना टेस्ट करवाने के लिए कहा गया है।
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उन्होंने बताया कि जारी हिदायत अनुसार ऐसे किसी भी मरीज के इलाज में देरी नहीं होनी चाहिए जिसे किसी भी प्रकार के इमरजेंसी प्रोसीजर जैसे सर्जरी या प्रसूति आदि से होकर गुजरना हो। ऐसे मरीजों के इलाज में टेस्टिंग के अभाव में देरी नहीं होनी चाहिए। अस्पताल प्रबंधन द्वारा सैंपल एकत्रित करने तथा भेजने संबंधी सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
डीसी ने बताया कि एसिंप्टोमेटिक व्यक्ति को टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं है।
मरीज अपना टेस्ट करवाने के 7 दिन बाद होम आइसोलेशन समाप्त कर सकता है बशर्ते मरीज को अंतिम 3 दिन में बुखार के कोई लक्षण ना हो । अस्पताल में भर्ती मरीज का सप्ताह में एक से अधिक बार टेस्ट नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, अस्पताल में ऐसे मरीजों की भर्ती नहीं होनी चाहिए जिनका ऑक्सीजन लेवल 93% से अधिक हो और जिसे सांस लेने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो रही हो या जिन्हें 5 दिन से ज्यादा बुखार न आ रहा हो।
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उन्होंने बताया कि जारी हिदायत अनुसार नोडल अधिकारी (इनफेक्शन कंट्रोल ऑफिसर) स्वास्थ्य संस्थानों में संक्रमण संबंधी समस्याओं की निगरानी करते हुए उनका समाधान करेंगे। इसके अलावा, हिदायतों में सभी हेल्थ केयर वर्कर सहित 60 साल से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए भी कहा गया है। डीसी ने आमजन से कोविड उपयुक्त व्यवहार की पालना करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि मास्क का उपयोग, एक दूसरे से उचित शारीरिक दूरी व नियमित तौर पर हाथों को साबुन से धोने के साथ ही वैक्सीनेशन की डोज अवश्य लेने का आह्वान किया।