हरियाणा: किसानो को समृद्धशाली की आड में आजकल कृषि मेले राजनीति के अडडे बनते जा रहे है। सुबह सात बजे पहुंचे किसानों को दोपहर एक बजे तक मेले में घुसने तक नहीं दिया गया, जिस कारण दूर-दूर से आए किसानों को चिलचिलाती धूप में घंटों तक भूखा और प्यासा खड़ा रहना पड़ा।पैरा एशियन गेम्स में रेवाड़ी के पांच खिलाड़ी भरेंगे दम, इन दिन से शुरू होगा गेम्स
अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) द्वारा हिसार में हर साल आयोजित किए जाने वाले कृषि मेले को भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा निजी वीआईपी कार्यक्रम बनाने का आरोप लगाया।
वीआईपी लोगों की आवभगत, किसान जाए भाड में
वीआईपी लोगों की आवभगत पर करोड़ों रुपये बहाए जा रहे है। मेले में किसानों के लिए पीने के पानी की तक की भी सुविधा नहीं की गई। प्रमुख फसलों गेंहू की डब्लूएच 1270 और सरसों की आरएच 725 का बीज पहले दिन दो घंटों में ही समाप्त हो गया।गुजरात का रिकोर्ड घ्वस्त: विश्व की सबसे वजनी रोटी पर राजस्थान का कब्जा, जानिए क्या है संदेश
अच्छे बीज को प्राईवेेट कंपनियो को बेचा
प्रदर्शनी में भले ही किसानो को दिखाने के बीच रखा गया हो, लेकिन कुछ देर में बीच खत्म् हो गया। जिससे साफ पता चलता है कि मिलीभगत कर उच्च गुणवत्ता के बीजों को प्राइवेट कंपनियों को ब्लैक में बेचा गया है।
अधिकतर किसानों को बीज तक नहीं मिला और जो थोड़े बहुत किसानों को बीज मिला उन्हें भी 20-20 किलो ही दिया गया। जब बीज ही उपलब्ध नहीं है तो तीन दिन के कृषि मेले का औचित्य ही खत्म हो गया।