Haryana News: गोशाला चारे को लेकर घमासान हुआ खत्म, आखिकार रेवाडी नप ही देगी चारे की राशि

डीएमसी के बुलाने पर नपा चेयरमैनकंवर सिंह नहीं आए बैठक में
धारूहेडा: कई दिनो से चारे की पेयमेंट को लेकर हो रहा घमासान आज खत्म हो गया है। उपायुक्त के निर्देश पर शुक्रवार को डीएमसी ने धारूहेडा नपा व रेवाडी परिषद के अधिकारियो की बैठक आयोजित कर चारे की पेयमेंट इस बार रेवाडी नपा की ओर से देने पर सहमति हुई। वहीं आगे लिए इस समस्या के समाधान के लिए रेवाडी नप की ओर से शहरी निकाय विभाग पंचकूला के निदेशक को भेजा गया है।

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बता दे कि पिछले चार दिनों से चारा खत्म होने के कारण गौशाला में रखे गए 700 से ज्यादा गाय व नंदी भूख से मरने के कगार पर पहुंच गए थे। गौशाला प्रधान ने भी साफ कर दिया था कि दोपहर 12 बजे तक चारे का इंतजाम नहीं हुआ तो सारे पशुओं को गौशाला से बाहर सड़कों पर छोड़ दिया जाएगा।

 

गोशाला पर हुई मिटिंग: नपा उपचेयरमैन सत्यनारायाण की अगुवाई में बैठक आयोजित की गई। समाजिक संगठनो की ओर से धारूहेडा गोशाला का गेट खोलने की तेयारी ही थी इसी बीच रेवाडी से डीएमसी ओर से बैठक बुला ली गई। बैठक मे खास बात यह रही कि धारूहेड़ा नगर पालिका के चेयरमैन कंवर सिंह नहीं पहुंचे। परिस्थिती को देखते हुए गौवंशो केा बचाने के लिए आखिरकार डीएमसी ने नगर परिषद के अधिकारियों को ठेकेदार के बकाया 8 लाख रुपए की पेमेंट जारी करने के आदेश दे दिए है।

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GOSALA LATTER 11zon

चंढीगढ भेजा लेटर:फिलहाल दो माह की चारे की पेयमेंट रेवाडी की ओर से की जा रही है तथा आगे इस समस्या के समाधान के लिए रेवाडी नप की ओर से शहरी निकाय विभाग पंचकूला के निदेशक को भेजा गया है।

क्या कहते है नपा चेयरमैन: नपा धारूहेडा ने करोडो रूपए की जमीन दी है। सारे गांव की जमीन है। ऐसे में अकेला कोई भी फैसला नहीं ले सकता। धारूहेडा से सभी पार्षदो की 27 अक्टूबर को मिटिंग बुलाई गई है। मि​टिंग मे जो फैसला होगा उसके बाद ही कोई निणर्य लिया जाएगा।
कंवर सिंह, नपा चेयरमैन धारूहेडा

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रोजाना लगता है 70-80 क्विंटल चारा: इस गौशाला में रखे गए 500 से ज्यादा पशुओं को रोजाना 70-80 क्विंटल चारा खिलाया जाता है। कभी कभार कुछ दानी भी गौशाला में चारा भेंट कर जाते है, लेकिन इतने सारे पशुओं को रोजाना चारा खिलाने में निकाय विभाग का सहयोग बहुत जरूरी है। गौशाला प्रधान ने कहा कि कुछ माह पहले जब इसी तरह की समस्या खड़ी हुई तब भी कुछ दानी लोगों ने मदद की थी। उन्हें पशुओं के चारे के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे है।
धारूहेडा: गौशाला में बैठक करते लोग