हरियाणा, सुनील चौहान। सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करना अनिवार्य है। परिश्रम के साथ अगर धैर्य भी हो तो परिश्रम सार्थक हो जाता है। दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के विद्यार्थी एवं किसान के बेटे अवनीश छिक्कारा ने इस कथन को सत्य कर दिखाया है।
डीसीआरयूएसटी के इलेक्ट्रॉनिक्स के विद्यार्थी अवनीश छिक्कारा को अमेजॉन में 67 लाख रुपये का पैकेज मिला है। चयन के बाद कुलपति प्रो. अनायत का आशीर्वाद प्राप्त किया।
अवनीश गांव करेवड़ी के रहने वाले हैं। अविनाश के पिता किसान हैं लेकिन वे कृषि के साथ परिवार के भरण पोषण के लिए वाहन भी चलाते हैं। अवनीश के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वह निरंतर परिश्रम करते रहे हैं।
विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के बाद उसके पास फीस भरने के पैसे नहीं थे। इस दौरान अवनीश के दादा जगबीर सिंह ने मदद की। कुछ समय बाद अवनीश ने बच्चों को पढ़ाकर अपनी फीस व कोर्स के अतिरिक्त पढ़ाई पर आने वाले खर्च को जुटाना प्रारंभ कर दिया।
एक साल बाद एक करोड़ रुपये का हो जाएगा पैकेज:
अवनीश को एक कंपनी में इंटर्नशिप का अवसर मिला। अवनीश को इंटर्नशिप के दौरान 2.40 लाख रुपये प्रतिमाह का पैकेज मिला। अवनीश की इंटर्नशिप ऑनलाइन हुई। कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद अवनीश का चयन अमेजॉन कंपनी में हुआ।
अवनीश को कंपनी 67 लाख रुपये का पैकेज देगी। एक वर्ष के बाद अवनीश का पैकेज लगभग एक करोड़ रुपये का होगा। अवनीश ने कहा कि कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत के उद्बोधन, शिक्षकों द्वारा प्रदत्त ज्ञान, माता-पिता का आशीर्वाद व कठिन परिश्रम के बल पर ही उसे सफलता मिली है।
अगर निरंतर अनुशासन में रहकर कठिन परिश्रम किया जाए तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। अवनीश ने विश्वविद्यालय का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। आशा है कि विश्वविद्यालय के संसाधनों का सदुपयोग करते हुए दूसरे विद्यार्थी भी अवनीश से प्रेरणा लेकर अपना लक्ष्य प्राप्त करेंगे।- राजेंद्र कुमार, अनायत, कुलपति, डीसीआरयूएसटी, मुरथल