सेवा प्रकोष्ठ प्रदेश कार्यालय रेवाड़ी पर मनाई लाला लाजपत राय की 157वीं जयंती

रेवाडी: भाजपा सेवा प्रकोष्ठ प्रदेश कार्यालय सैक्टर एक रेवाड़ी पर लाला लाजपत राय की 157वीं जयंती उनके चित्र पर पुष्पार्पित करके मनाई। प्रदेश संयोजक सतीश खोला ने कहा कि भारत के पंजाब प्रदेश में जन्मे लाजपत राय देश के अमर क्रांति कारी व स्वतंत्रता सेनानी थे । सन् 1865 ई॰ में छोटे से गाँव में जन्मे लाला लाजपत राय ने देशभक्ति में वे आदर्श स्थापित किए जिसके लिए संपूर्ण देश उनका सदैव ऋणी रहेगा ।

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मातृभूमि के लिए उनका बलिदान आज भी देश के नागरिकों में देशभक्ति की भावना का संचार करता है । संपूर्ण भारत उन्हें ‘पंजाब केसरी’ के नाम से जानता है । लाला लाजपत राय वकालत का कार्य करते थे । परंतु पराधीन भारत का दर्द उन्हें हमेशा कचोटता रहता था ।
गाँधी जी के संपर्क में आने पर वे उनसे अत्यधिक प्रभावित हुए तथा बाद में अपने व्यवसाय को तिलांजलि देकर वे समर्पित भाव से गाँधी जी द्‌वारा चलाए गए स्वतंत्रता आदोलन में शामिल हो गए । वे सदैव से ही अंग्रेजों व अंग्रेजी सरकार का विरोध करते रहे जिससे क्षुब्ध अंग्रेजों ने सन् 1907 ई॰ में उन्हें बर्मा जेल में डाल दिया ।

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जेल से लौटने के पश्चात् वे और भी अधिक सक्रिय हो गए । उन्होंने महात्मा गाँधी की अध्यक्षता में होने वाले असहयोग आदोलन में खुलकर उनका साथ दिया । उन्हें कई बार अंग्रेजों ने जेल भेजा परंतु वे अपने उद्‌देश्य से तनिक भी विचलित नहीं हुए ।
भारत के स्वतंत्रता आदोलन के दौरान जब साइमन कमीशन भारत आया तब कांग्रेस के द्‌वारा उसका खुलकर विरोध किया गया । साइमन कमीशन की नियुक्ति हालाँकि 1926 ई॰ में ब्रिटिश सरकार द्‌वारा की गई थी, परंतु इसका भारत आगमन सन् 1928 में हुआ था । लाला लाजपत राय उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष थे ।

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लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध में वे विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे तब अंग्रेजों ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया । उस घातक चोट के तीन हफ्ते पश्चात् भारत माता का वह वीर सपूत चिर निद्रा में लीन हो गया । समस्त देश में शोक की लहर उठ गई । क्रोधित व क्षुब्ध देशवासियों ने जगह-जगह आगजनी व हिंसात्मक प्रदर्शन किए । परंतु कांग्रेस के नेताओं ने अपने प्रयासों से इसे बंद करवाया ।
लाला लाजपत राय एक सच्चे देशभक्त के साथ ही एक सच्चे समाज सुधारक भी थे। वे जीवन पर्यंत अछूतों के उद्‌धार के लिए प्रयासरत रहे । इसके अतिरिक्त उन्होंने देश में शिक्षा के क्षैत्र में कई कार्य किए । उन्होंने नारियों को भी शिक्षा का समान अधिकार देने हेतु सदैव प्रयास किए ।

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इस अवसर पर विवेक यादव, रघुनन्दन यादव, हनुमान छाबड़ी,सुषमा शास्त्री नगर, अमन शास्त्री नगर, इमरती देवी रामबास, गीता देवी रामबास, अरुण मयूर विहार, मांगेराम देव नगर, रामकुमार देव नगर, अनीता शुक्रपूरा, परशुराम देवनगर, मनोज कुमार पाली, लक्ष्मण सिंह पाली, संदीप पाली, गोलू रामसिंहपुरा, राहुल किशनगढ़, विनोद धारूहेड़ा, रामचंद्र शिव कॉलोनी, सुनील कुतुबपुर, मंजू धारूहेड़ा चुंगी, शकुंतला रामपुरा, सीमा प्रागपुरा, मोनिका चिता डूंगरा, अमरुदी भाडा़वास चौक, राम भतेरी किशनगढ़, अनीशा किशनगढ़, नरेश कुमार गढ़ी अलावलपुर, प्रमोद कुमार कायस्थवाड़ा, माया सुलखा, रामनिवास बोलनी, महेंद्र कुमार बोलनी, गुड्डू रेवाड़ी, नवीन कुमार ढाणी कोलाना, सीमा रेवाड़ी, अंजलि कुतुबपुर, मोनिका कुतुबपुर, रामकिशन छिपटवाड़ा, संतोष बास सिताबराय, पिंकी खालेटा, अनीता रामगली, कोमल मुक्तिवाड़ा, साहिल गोकलगढ़, रामफल गोकलगढ़, सुनीता प्रागपुरा, पूजा प्रागपुरा, शुकंत रेवाड़ी, दर्शना नई आबादी, लक्ष्मी नई आबादी, शिवानी नई आबादी, अनीता नई आबादी, भारती सत्ती कॉलोनी, प्रवीण उत्तम नगर, सीमा उत्तम नगर, मंजू धारूहेड़ा, ममता धारूहेड़ा, कृष्णा धारूहेड़ा समेत दर्जनों नागरिक मौजूद थे ।