जरूरत वाले दरकिनार, 20 गुणा दामों में बिक रहा रेमडेसिविर

एक इंजैक्शन की कीमत 45 हजार, मौत को गले लगाओ या फिर ब्लेक मेें खरीदो
हरियाणा: सुनील चौहान। कोरोना से मानव लड सकता है, लेकिन कोरोना के नाम पर हो रही कालाबाजारी आक्सीजन गैस, रेमडेसिविर ही मानव जीवन के लिए जान का दुश्मन बना हुआ है। सरकार की ओर से अमरजैसी मरीजो के लिए इनेक्शन तो मिल रहे है, लेकिन अस्पताल में कार्यरत स्टाफ मरीजों का कागजों में लगा दिखाकर इसकी कालाबाजारी कर रहा है।
तेजी से बढ रही कालाबाजारी: कोरोना का संक्रमण देश मे तेजी से बढ रहा है। संक्रण्मा बढ़ने के साथ ही जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी बढती जा रही है। इसका भंडाफोड़ एक बार फिर ड्रग कंट्रोलर, सीएम फ्लाइंग एवं क्राइम ब्रांच की गुरुग्राम सेक्टर-40 टीम ने संयुक्त रूप से सेक्टर-52 इलाके में किया। मौके से एक महिला सहित तीन आरोपित दबोच लिए गए। उनके कब्जे से पांच इंजेक्शन एवं दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। उनकी पहचान दिल्ली के आया नगर में किराये पर रहे मूल रूप से पंजाब के हाेशियार जिले के गांव डेरा बाबा निवासी चेतन कपूर एवं गुरुग्राम के सेक्टर-52 इलाके में किराये पर रह रहे मूल रूप से केरल के कोट्टयम जिले के गांव मनीमाला निवासी नितिन जोश एवं उसकी पत्नी लीमा उमेन के रूप में की गई। चेतन शहर के एक निजी अस्पताल में सीनियर सिक्योरिटी असिस्टेंट की जबकि नितिन नर्सिंग स्टाफ सुपरवाइजर की नौकरी करता है। डिस्ट्रिक्ट ड्रग कंट्रोलर अमनदीप चौहान की शिकायत पर तीनों के खिलाफ सेक्टर-53 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। महिला को जमानत दे दी गई जबकि दो अन्य को पूछताछ के लिए एक दिन की रिमांड पर लिया गया है। आरोपित 45 हजार रुपये प्रति रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते थे।

बोगस ग्राहक भेजकर किया काबू: डिस्ट्रिक्ट ड्रग कंट्रोलर अमनदीप चाैहान के पास सूचना पहुंची थी कि कुछ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं। उन्होंने इस बात की जानकारी सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की गुरुग्राम टीम के प्रभारी डीएसपी इंद्रजीत यादव को दी। फिर ड्रग कंट्रोलर, सीएम फ्लाइंग एवं क्राइम ब्रांच की सेक्टर-40 टीम ने संयुक्त से तीनों को दबोचने का प्लान बनाया। एक बोगस ग्राहक बनाकर आरोपितों से पांच इंजेक्शन के बारे में बातचीत की गई।

आरोपितों ने प्रति इंजेक्शन 45 हजार रुपये यानी कुल 2,25,000 रुपये की डिमांड की। फिर बोगस ग्राहक ने कहा कि वह सेक्टर-52 इलाके में ही इंजेक्शन लेने के लिए पहुंच रहा है। इसके बाद बोगस ग्राहक से दो युवक मिलने पहुंचे और कहा कि इंजेक्शन आने वाले हैं। कुछ देर बाद इंजेक्शन देने के लिए एक महिला स्कूटी से पहुंची। फिर पहले ही तैयार संयुक्त टीम ने तीनों को दबोच लिया।

 बढता चला जाता है कमीशन: प्रारंभिक पूछताछ के मुताबिक मास्टर माइंड आरोपित नितिन जोश है। जिस अस्पताल में वह नर्सिंग स्टाफ सुपरवाइजर का काम करता था, उसी अस्पताल से पांच इंजेक्शन निकाल लिया। कागज में मरीजों को इंजेक्शन लगा हुआ दिखा दिया था। इससे यह भी साबित हो रहा है कि कुछ अस्पतालों में मरीजों के साथ धोखा हो रहा है। उन्हें रेमडेसिविर नहीं बल्कि उसके नाम पर कुछ और इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। रिमांड के दाैरान छानबीन से पता चलेगा कि अब तक कितने इंजेक्शन की कालाबाजारी की गई। कबसे कालाबाजारी चल रही है। कालाबाजारी में अस्पताल प्रबंधन की भी कहीं भूमिका नहीं, यह भी छानबीन से पता चलेगा। बता दें कि गत महीने भी शहर में रेमडेसिविर की कालाबाजारी का भंडाफोड़ किया गया था।