सुनील चौहान। रेवाड़ी : वीरों की भूमि व अहीरवाल का लंदन है हरियाणा का रेवाड़ी शहर ….. रेवाड़ी किसी परिचय का मोहताज नहीं है। रेवाडी की उत्पत्ति प्राचीन काल से ही है। ऐसा माना जाता है कि इस शहर का इतिहास महाभारतकालीन नगर है। एक प्रचलित कहानी के अनुसार, लगभग 5500 वर्ष पूर्व यहाँ के शासक राजा रेवत थे। इंस्टाग्राम ने लांच किया एक और धांसू फीचर, जानिए इसका क्या है फायदा
उनकी बेटी का नाम रेवती था, जिनका का विवाह भगवान श्री कृष्ण के भाई बलराम दाऊ से हुआ था। राजा ने विवाह के समय यह नगर रेवती को दहेज में दे दिया। रेवाड़ी को पहले रेवा-वाड़ी कहा जाता था, जो बाद में रेवाड़ी कहा जाने लगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से करीब 82 किलोमीटर दूसर रेवाडी शहर बसा हुआ है। रेवाड़ी अपने पीतल के उत्पादों के लिए जाना जाता है जो देश के अन्य हिस्सों में भी भेजे जाते हैं। यह शहर मुगल शासन की कहानियों, आधुनिक विकास के साथ-साथ हरियाणा की संस्कृति को समेटे हुए है। कोहरे का कहर, मोसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, जानिए कब तक रहेगा कोहरा
रेवाड़ी को अहीरवाल की राजनीतिक राजधानी, वीरभूमि व सैनिकों की खान जैसी कई उपमाओं से अलंकृत किया गया है। रेवाड़ी अपने पीतल के उत्पादों के लिए जाना जाता है जो देश के अन्य हिस्सों में भी भेजे जाते हैं।
इस पूरे जिले का इतिहास बहुत गौरवशाली है। रेवाड़ी जिले में लगभग 35 हजार पूर्व सैनिक व वीरांगनाएं हैं, जबकि लगभग 25 हजार सैनिक व सैन्य अधिकारी सेवारत है। रेवाड़ी न केवल अपने समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ घूमने की भी कई जगहें हैं-कोहरे का कहर, मोसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, जानिए कब तक रहेगा कोहरा
दिल्ली के करीब होने के कारण, रेवाड़ी पूरे मुगल शासन में सक्रिय रहा। रेवाड़ी को अहीरवाल का लंदन भी कहा जाता है और यहाँ के राव राजा तुलाराम थे। उन्होंने 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था। राव राजा तुलाराम को श्रद्धांजलि देने के लिए हरियाणा के लोग 23 सितम्बर का दिन शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं।कोहरे का कहर, मोसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, जानिए कब तक रहेगा कोहरा
रेवाड़ी को अहीरवाल का लंदन भी कहा जाता है और यहाँ के राव राजा तुलाराम थे। उन्होंने 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था। राव राजा तुलाराम को श्रद्धांजलि देने के लिए हरियाणा के लोग 23 सितम्बर का दिन शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं। इस पूरे जिले का इतिहास बहुत गौरवशाली है।