14 साल का वनवास देते ही अयोध्या में छाया सन्नाटा
श्रीराम सीता विवाह व राम वनवास का रामलीला में किया मंचन
Ramlila : आज से एक दशक पहले रामलीला देखने की युवाओ में एक ललक होती थी। हरियाणा के जिला रेवाडी हर साल 10 से 12 जगह शहरो में रामलीला होती थी। युवाओ में मोबाइल के चस्के ने रामलीला के अभिलाभा विलुप्त होती जा रही है। रामलीला के कलाकार घट रह रहे दर्शकों के चलते चिंता सताने लगी है।
घाटे का बना सोदा: रामलीला कमेटी के प्रधान ने बताया कि आजकल रामलीला घाटे का सोदा बनती जा रही है। न तो दर्शको की भीड तथा न ही दान दक्षिणा वाले! अगर इसी तरह से दर्शक घटते रहे तो वह दिन दूर नहीं रामलीला बंद ही जो जाएगी।
रामवनवास क किया मंचन: बाबा सैय्यद रामलीला क्लब की ओर से मंगलवार रात को श्रीराम राम सीता विवाह व राम वनवास का मंचन किया। मंचन के तहत दिखाया गया कि राजा दशरथ से कैकेयी ने दो वर मांगे, जिसमें एक में राम को चौदह वर्षों का वनवास और दूसरे में भरत को सिंहासन। इसके बाद राम, सीता और लक्ष्मण वन के लिए निकल पकड़ते हैं, जिसे देख दर्शक भावुक हो गए।
इस दौरान जय श्री राम के जयघोष गूंज उठे। राजा दशरथ श्री राम को अयोध्या का राजकाज देने का निर्णय करते हैं। अंतिम समय पर कैकेयी अपनी दासी मंथरा के कहने पर पूर्व में दिए गए राजा दशरथ को दो वर मांग लेती है।
पहले में वह श्री राम को 14 वर्ष का वनवास, दूसरे में भरत को अयोध्या का बनाने को कहती हैं। इसके बाद तीनों सन्यासी की वेशभूषा में राजा दशरथ एवं तीनों रानियों से आज्ञा लेकर वन के लिए प्रस्थान करते हैं
इस मौके पर श्री राम (राहुल रंगा), लक्ष्मण(रोहित सैनी), सीता (अभिषेक मेहरा), जनक (सूबे सिंह) विश्वामित्र (सुनील नागर), परशुराम (राजू मेहरा)रोहित, दीपांशु, तुषार, ध्रुव, गौरव पनवाल, रजत, अमन, ओमदत्त बागोरिया , रावण (विशाल शर्मा) ने रोल अदा किया है।
धारूहेडा: रामलीला में प्रस्तुति देते कलाकार