Electric Bus: हरियाणा तर्ज पर अब रास्थान में कई रूटों पर Electric Bus चलाए जाने पर विचार किया गया है। एक ओर बढ़ते प्रदूषण और डीजल खर्च को कम करने के लिए राजस्थान रोडवेज भी Electric Bus चलाने की तैयारी कर रही है। राजस्थान के सीएम ने इसे लेकर प्रदेशभर के मुख्य प्रबंधकों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। अलवर डिपो की ओर से 50 बसों का प्रस्ताव भेजा है। यह बसें दिल्ली और मथुरा रूट पर चलाई जाएंगी। Electric Bus
बताया जा रहा है कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने इन बसों का संचालन शुरू कर दिया है। एक बार चार्ज होने के बाद बस करीब 250 किमी का सफर तय करेगी। इसके लिए अलवर बस स्टैंड के अलावा एक निश्चित दूरी पर चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाने है।
एक आधिकारिक ने बताया है कि इन बसों को खरीदने में कुल 105 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। दीया कुमारी ने कहा कि ये इलेक्ट्रिक बसें अलवर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर और उदयपुर में शहरी बस सेवाओं के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी
सरिस्का में बस एंट्री का मामला भी अटका: सरिस्का अभयारण्य में भी निजी वाहनों का प्रवेश बंद कर ई-बसें चलाने का प्रस्ताव पास किया है। इसके लिए एक कंपनी ने प्रजेंटेशन भी दिया है, लेकिन उसे बसे लगाने की हरी झंडी नहीं मिली है। जैसे ही इन बसो को मंजूरी मिले तो हर मंगलवार और शनिवार को पांडुपोल हनुमानजी के दर्शनों को जाने वाले भक्तों को आसानी होगी। यानि इन बसो से आसानी से यात्री सरिस्का का सफर कर सकेंगे।
जानिए क्यो है जरूरी: बता दे अलवर एनसीआर का हिस्सा है। यहां पर प्रदूषण स्तर तेजी से बढ रहा है। इनता ही नहीं यहां एनसीआर के चलते यहां ग्रेप की पाबंदियां लगती हैं। अगर ई-बसों का संचालन किया जाए तो कुछ हद तक प्रदूषण कम करने से राहत मिल सकती है।
















