मौसमदिल्लीबिहार विधानसभा चुनाव 2025CET 2025राजस्थानमनोरंजनराशिफलबिजनेसऑटो मोबाइलरेवाड़ीआध्यात्मिकअन्य

Political News: वन नेशन-वन इलेक्शन पर गरमाई सियासत, जानिए विपक्ष ने क्या कहा

On: June 16, 2025 10:03 PM
Follow Us:

Political News: मोदी सरकार की ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पहल को लेकर गठित ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी ने हरियाणा में राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श तेज कर दिया है। सोमवार को न्यू चंडीगढ़ में राज्य के विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों के साथ लंबी बैठक हुई। जहां भाजपा ने इस विचार का खुला समर्थन किया, वहीं कांग्रेस को बैठक में बुलाया ही नहीं गया। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों की राय बंटी नजर आई।

बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने भाग लिया। सीएम सैनी ने कहा कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की सोच का हिस्सा है। उन्होंने इसे केवल एक चुनावी नारा नहीं, बल्कि सशक्त लोकतंत्र की दिशा में एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण बताया।Political News

यह भी पढ़ें  Political Haryana News: चेयरमैन डा. अरविद यादव का रेवाड़ी में BJP कार्यलय खोलना दे गया बड़ा संकेत, समझने वाले समझ गए होंगे

उनका मानना है कि बार-बार होने वाले चुनाव विकास कार्यों को बाधित करते हैं और सरकारी मशीनरी को चुनाव प्रक्रिया में उलझा देते हैं। मार्च 2024 से लेकर मार्च 2025 तक लगातार चुनावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस कारण से विकास प्रभावित हुआ और आमजन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

वहीं, इनेलो और जजपा ने सशर्त समर्थन की बात कही। इनेलो के प्रकाश भारती और डॉ. सतबीर सैनी ने ईवीएम के स्थान पर बैलट पेपर से चुनाव करवाने, वोटों की उसी दिन गिनती और चुनावी सुधारों की मांग रखी। जजपा के रणधीर सिंह ने भी समर्थन जताया लेकिन साथ ही कई अहम सुझावों को लागू करने की बात कही।

यह भी पढ़ें  Haryana: पहली बार सुरजकुंड में होगा दीवाली मेले का आयोजन, इनकी नहीं लगेगी टिकट: अरविंद यादव

आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इस योजना का विरोध किया। बसपा प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण जमालपुर ने आरोप लगाया कि भाजपा देश पर जनविरोधी फैसला थोपना चाहती है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह मॉडल इतना जरूरी था, तो संविधान में इसका प्रावधान क्यों नहीं किया गया। आप के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह क्षेत्रीय पहचान और विकास के हितों को नुकसान पहुंचाएगा।

इस बैठक में समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी और अन्य कई सांसदों की मौजूदगी रही। चर्चा के दौरान सुझाव दिया गया कि चुनाव की तिथियों का निर्धारण करते समय सामाजिक और सांस्कृतिक कारकों जैसे खेती, त्योहार और शादी के सीजन का ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि मतदान में अधिक से अधिक भागीदारी हो सके।Political News

यह भी पढ़ें  Breaking News: अब हरियाणा में केवल इन लोगो को ही मिलेगा मालिकाना हक

कुल मिलाकर, ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर हरियाणा में सियासी मतभेद स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आए हैं। जहां भाजपा इसे विकास और संसाधनों की बचत से जोड़ रही है, वहीं विपक्षी दल इससे लोकतंत्र और संघीय ढांचे को कमजोर पड़ने का खतरा मान रहे हैं।

 

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

Join WhatsApp

Join Now

google-newsGoogle News

Follow Now