अशोक गहलोत बोले: जो मंत्री नहीं बन पाए उन्हें भी एडजस्ट किया जाएगा, धर्य रखें

जयपुर: गहलोत मंत्रिमंडल का तीन साल में आज पहली बार फेरबदल होने जा रहा है। सीएम अशोक गहलोत व अजय माकन पीसीसी पहुंचे। CM गहलोत ने संबोधित करते हुए कहा कि जो मंत्री नहीं बन पाए हैं, उनकी भूमिका कम नहीं है।बाकी जो बच गए हैं उन्हें एडजस्ट किया जाएगा। जो धैर्य रखता है, उसे कभी न कभी मौका मिलता है। सब तरह से फैसला हुआ है। राजस्थान में बार-बार सरकार में बदलाव आता है, लेकिन इस बार हम सरकार रिपीट करके दिखाएंगे। पूरे कांग्रेसजन एकजुट रहेंगे। जिन्हें मौका मिला है, मैं उम्मीद करता हूं कि वे सोनिया गांधी को निराश नहीं करेंगे।

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अजय माकन ने भी सभी विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि 2023 के चुनाव में कई सालों के ट्रेंड को बदलना है। उन्होंने कहा कि जो पार्टी के लिए काम करता है, पार्टी उसका ध्यान रखती है। अजय माकन ने मंत्री पद छोड़ने वाले तीन नेताओं को बधाई दी। यहां से वे राजभवन के लिए रवाना हो चुके हैं। उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व सचिन पायलट भी मौजूद है। 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री आज शपथ ले रहे हैं। शपथ से पहले सचिन पायलट पीसीसी पहुंचे। भजन लाल जाटव ,ममता भूपेश ,महेश जोशी, टीकाराम जूली, राजेंद्र गुढ़ा भी पीसीसी पहुंचे। महेश जोशी घर से निकलने से पहले अपनी बड़ी बहन के पैर छूकर निकले।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा नए मंत्रियों का स्वागत कर रहे हैं। सीएम के पहुंचने के बाद सभी का तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजभवन में तैयारियां पूरी हो चुकी है। सुरक्षा इंतजाम भी कर लिए गए है। 1500 पुलिसकर्मियों का अमला तैनात किया गया है।
मंत्रिमंडल फेरबदल में जो विधायक जगह नहीं बना पाए, उन्हें अब संसदीय सचिव और सीएम के एडवाइजर बनाकर संतुष्ट ​किया जाएगा। 15 नए संसदीय सचिव और 7 विधायकों को सीएम का एडवाइजर बनाकर मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इनमें बसपा से कांग्रेस में आए 5 विधायक और निर्दलीय विधायकों के साथ कुछ कांग्रेस के विधायक भी शामिल होंगे। नए संसदीय सचिवों को मुख्यमंत्री नियुक्त करेंगे और मुख्यमंत्री के सामने ही उनकी शपथ होगी।

मंत्रियों को आज विभागों का बंटवारा संभव
मंत्रियों के विभागों में आज रात तक बंटवारा होने की संभावना है। कुछ मंत्रियों का विभाग बदलना तय है। वित्त और गृह विभाग मुख्यमंत्री अपने पास ही रख सकते हैं। बीजेपी राज के दौरान भी वित्त विभाग सीएम के पास ही था। गहलोत के पिछले कार्यकाल में वित्त विभाग किसी को नहीं दिया था।