Nuh Clash: 900 दंगाइयों की फौज, मिनटों में कैसे पहुंची मेवात? गुप्तचर विभाग व पुलिस को खबर तक नहीं..
मेवात: नूंह में हुए दंगा पुलिस प्रशासन व गुप्तचर विभाग को कई चौकाने वाले सवाल छोड गया है। महज आधे घंटे में इतनी ज्यादा मे एक साथ दंबाइयो का पहुंचना कोई छोटा काम नहीं है।Breaking News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने CET परीक्षा पर लगाई रोक
गुप्तचर विभाग फैल: पुलिस की ओर से दंगे, विवाद झगडे व अन्य कोई कार्यक्रम होने से पहले वहां की स्थिति भाप कर सरकार को रियल सूचना देना है। लेकिन नूंह में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ही नहीं गुप्तचर विभाग भी फैल हो गया है। अगर पुलिस व विभाग सक्रिया होता तो हिंसा पर काबू पाया जा सकता था।
साफ जाहिर है कि मेवात में दंगा मिनट भर में नहीं फैला। दंगा फैलाने के कई गिरोह सक्रिय है। इतने पत्थर, बंदूक गोलिया व दंबइयों का एक साथ मेवात पहुंचा कोई छोटी प्लान नहीं है।Rewari: मसानी बैराज का टूटा बांध, काला पानी से खलियावास की गलियां व खेत जलमग्न
किसी मिशन से कम नही है ये दंगा: जिस तरह से नूंह में दंगा हुआ है। उसे ऐसा लगा है मानो दंबगइयो की मिशन सफल हो गया है। दरअसल सोशल मीडिया के जमाने में मेवात का दंगा एक बहुत बड़ा प्रयोग है। घर बैठकर..सोशल मीडिया के जरिए..वीडियो बनाकर..लोकेशन बताकर…शहर में दंगा कर एक सफल मिशन है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध करते हुए राज्य सरकार और पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त बल तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा घटना की वीडियोग्राफी करने और इस घटना से संबंधित सीसीटीवी की फुटेज को संरक्षित करने का भी निर्देश दिया है।Nuh Clash: हरियाणा सरकार का बड़ा एक्शन, रोहिंग्याओं की झुग्गियों पर चला बुलडोजर, एसपी का तबादला
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और हरियाणा सरकार के अलावा दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं कि नूंह हिंसा के जवाब में दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन व रैलियों के दौरान कोई नफरत फैलाने वाला भाषण या हिंसा न हो।
रात से कर्फ्यू लगने के बाद आरएएफ तथा पुलिस की ओर से फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर फ्लैग मार्च निकाल लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।Rewari: मसानी बैराज का टूटा बांध, काला पानी से खलियावास की गलियां व खेत जलमग्न
गिरफ्तार करना बनी आफत: चंद मिनट में दंगा किया ओर फरार। अब इतने ज्यादा दंबगईयों को काबू करना पुलिस के गले की फास बन गया है। पुलिस के कोई ऐसे ठोस सबूत नहीं है उनके आधार पर उनको पकडा जा सकें। मिशन को सफल बनाने वाले वारदात के बाद चुप चुप निकल चुके थे।