NGT: हरियाणा के जिला रेवाड़ी में मसानी झील में धडल्ले से छोडा जा रहा है। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन STP की जांच करने और एक महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साहबी बैराज (Masani Beraj) के दूषित पानी को लेकर अगली सुनवाई 20 सितंबर को निर्धारित की गई है।
बता दे कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ ने हरियाणा राज्य और अन्य संबंधित पक्षों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की गई। बार बार छोडेज जो रहे दूषित पानी को लेकर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP ) की वर्तमान स्थिति की जांच के आदेश दिए हैं।
साहबी में छोडे जा रहे पानी को लेकर अप्रैल 2023 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT ) कोर्ट एडीसी के नेतृत्व में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की ओर जब ट्यूबवेल के पानी के सैंपल लेने पहुंची थी। जो सारे सैंफल फैल मिले थे।
एनजीटी बेंच के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और डॉ. अफरोज अहमद ने साहबी बैराज में छोडे जा रहे पानी को लेकर 14 अगस्त को सुनवाई की। इस पर कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया जाए ताकि पता चल सके आखिर एसटीपी प्लांट नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। क्या उनका पानी ट्रीट किया भी जा रहा है या नही। NGT
एक महीन में देना होगा जबाब: एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन एसटीपी की जांच करने और एक महीने के रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
लगाया गया था जुर्माना:बता दे कि एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT ) को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट के अनुसार नियमों का पालन न करने के कारण पिछले साल STP पर कुल 3 करोड़ रुपये से अधिक का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया।
लेकिन ये जुर्माना आज जमा नहीं करवाया गया है, अपिुत अभी भी पानी छोडा ज रहा है। यह जुर्माना एसटीपी के नमूने फेल होने पर लगाया गया था। मगर यह राशि प्लाटों ने नहीं दी, जिसके बाद अब बोर्ड ने डीसी से राशि वसूलने का आग्रह किया।NGT
जानिए किस पर लगाया कितना जुर्माना
दूषित पानी छोडने को लेकर 6.5 MLD कालूवास रोड स्थित STP पर 56.20 लाख रुपये, 16 MLD नसियाजी रोड स्थित एसटीपी पर 64.60 लाख रुपये, खरखड़ा गांव (धारूहेड़ा) के एसटीपी पर 65.10 लाख रुपये तथा 3 MLD खेड़ा मुरार रोड (बावल) के लिए STP पर 63.70 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया था।