Haryana: कोसली विधायक ने सीएम को सौंपी रेवाडी स्कूल भवन की रिपोर्ट, जानिए किसको मिलेगा अब ये भवन
विवादों से रहा है एनजीओ का नाता, स्कूल भवन राजकीय महाविद्यालय को देने की की गई पैरवी
हरियाणा: हरियाणा के रेवाडी जिले में सरकारी भवन को विक्लप एजीओ को भवन देने का विवाद नहीं थम रहा है। कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने सेक्टर चार स्थित राजकीय स्कूल भवन एक संस्था को लीज पर दिए जाने के बाद उपजे विवाद को लेकर आज मुख्यमंत्री मनोहरलाल से मुलाकात की तथा अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।Haryana Police: नशा बेचने वालो की खैर नही, इस नंबर पर करे शिकायत
जानिए क्या दी रिपोर्ट: मुख्यमंत्री से एनजीओ को स्कूल का भवन दिए जाने संबंधी निर्मय को वापस लेकर लीज रद्द करने की पैरवी की। कोसली विधायक ने इस जांच में शामिल किए गए विभिन्न संगठनों के प्रमाण एवं सामाजिक संगठनों के ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपे गए। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि एनजीओ को शीघ्र ही दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।
गौरतलब है कि गत दिनों कोसली विधायक ने मुख्यमंत्री के समक्ष इस मसले को रखा था। जिस पर मुख्यमंत्री ने कोसली विधायक को मामले की जांच करने को कहा था।
कोसली विधायक ने मुख्यमंत्री को सौंपीं विस्तृत रिपोर्ट में बताया गया है कि नवीन मिश्रा द्वारा संचालित उक्त संस्था के अधिकांश पदाधिकारी उन्हीं के परिवार के हैं। यह संस्था व्यवसायिक तौर पर अपना कार्य चलाती है, जिसका सामाजिक सरोकारों से कोई लेना-देना नहीं है।
कोसली विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि आपके द्वारा दिए गए संस्था की जांच संबंधी उत्तरदायित्व को लेकर क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों, स्थानीय मीडिया, बार एसोसिएशन, शिक्षक संगठन व गणमान्य लोगों से जानकारी एवं रॉय एकत्रित की गई। जिसमें पूरी तरह यह सामने निकलकर आया कि सरकार द्वारा चलाया जा रहा बुनियाद कार्यक्रम समाज के वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए लाभपद्र साबित हो रहा है, लेकिन उपरोक्त संस्था अपने परिणामों के बारे में शुरु से ही गलत तथ्य एवं आंकड़े प्रस्तुत कर झूठा प्रचार-प्रसार करती आ रही है।
संस्था नीट व इंजीनियरंिग के एंट्रेस टेस्ट में क्वालीफाइड शब्द का दुरुपयोग कर अपने विद्यार्थियों को सफल घोषित कर प्रचार-प्रसार करती है, जबकि उनके विद्यार्थियों में से सरकारी मेडिकल कॉलेज व इंजीनियरिंग में आईआईटी जैसे शिक्षण संस्थान मिलने की प्रतिशत बहुत कम है। प्राय: यह भी देखने में आया है कि इस तरह के कोचिंग संस्थान किसी दूसरे कोचिंग इंस्टीच्यूट में तैयारी किए हुए सफल विद्यार्थियों को अपने संस्थान में पढ़ा हुआ बताकर भ्रमित करते हैं।
जांच के दौरान संस्था द्वारा मुझ उपलब्ध कराए गए पिछले कई वर्षों के रिजल्ट संबंधी आंकड़ों को देखने से स्पष्ट है कि यह सभी दाखिले देश के उच्च प्रतिष्ठित संस्थानों में नहीं हुए हैं, जबकि एनजीओ द्वारा उच्च प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में दाखिला होने का प्रचार किया जाता रहा है। फिर भी यदि उपरोक्त एनजीओ अपनी कार्य सही व ईमानदारीपूर्वक करता पाया जाता है तो उसे डाइट हुसैनपुर के खाली भवन में लीज पर दिया जा सकता है, जो कि जेबीटी कोर्स में नए दाखिले न होने के कारण खाली है।
मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया है कि एनजीओ संचालक की छवि भी समाजिक नहीं है। क्योंकि जिस किसी परिसर को किराये पर लेकर अब तक उसने काम किया है, हर एक के साथ खाली करते समय उसका किसी न किसी बात को लेकर विवाद रहा है। वर्तमान में जिस परिसर में यह एनजीओ चल रहा है, उसके मालिक मनोज के अनुसार संस्था संचालक न तो समय पर किराया देता है और न ही अपने लीज एग्रीमेंट को रिन्यू कराता है। साथ ही स्वयं ही अवैध निर्माण कर लेता है।
कोसली विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय के लिए निर्मित भवन परिसर उक्त एनजीओ को दिए जाने से क्षेत्र में भारी रोष व्याप्त है। क्योंकि वर्तमान में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मात्र तीन कमरों में चल रहा है व नया भवन निर्माणाधीन है। जनभावनाओं के अनुसार उपरोक्त भवन राजकीय महाविद्यालय को भी दिया जा सकता है, जो कि इस क्षेत्र के पुरजोर मांग भी है।
क्योंकि राजकीय महाविद्यालय रेवाड़ी के पास अपना भवन नहीं है। यह कॉलेज राजकीय स्कूल के पांच कमरों में चल रहा है।
कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि इस मामले में व्यापक जनभावनाओं को देखते हुए इस लीज को शीघ्र अति शीघ्र निरस्त किया जाए तथा इस भवन को राजकीय बाल महाविद्यालय को देने के आवश्य कदम उठाएं जाएं।