Haryana News: गुरुग्राम, पटौदी, सोहना और फर्रुखनगर में बनेंगे 11 नए सेक्टर, जानिए क्या है HSVP का News प्लान

HSVP : लंबे अंतराल के बाद अब एक बार फिर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP ) चार शहरो में नए सेक्टर बसाने जा रहा है। लैंड पूलिंग स्कीम के तहत गुरुग्राम, सोहना, पटौदी और फर्रुखनगर ब्लॉक में11 नए सेक्टर विकसित किए जाएंगे। All India Graahak Panchayat: राष्ट्रिय कार्यकारिणी सम्मेलन में देश के ज्वलंत मुद्दों पर हुई चर्चा ?  बता दे कि इसके लिए एचएसवीपी ने जमीन मालिकों से ई-भूमि या लैंड पूलिंग स्कीम के तहत उनकी सहमति मांगी थी। अब सेक्टोरल प्लान भेजने के बाद प्रक्रिया गति पकड़ेगी। हालांकि इसमें अभी मांगी गई सभी जानकारियों में से लैंड एक्विजिशन अधिकारी की रिपोर्ट आनी बाकी है। इसके आते ही 11 सेक्टरों के विकास का काम शुरू हो जाएगा।

HSVP जानिए किन शहरो में बसेगे सेक्टर HSVP

लैंड पूलिंग स्कीम की तहत 11 नए सेक्ट बसाए जाएंगें। अब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने इन सेक्टरों के लिए सेक्टोरल प्लान बनाकर एचएसवीपी को भेज दिया है। गुरुग्राम, पटौदी और फर्रुखनगर ब्लॉक में इन सेक्टरों का अधिग्रहण होगा।

जानिए क्या होती है लैंड पूलिंग स्कीम HSVP

पहले पूरे एरिया डिटेल के साथ सेक्टोरल कम सजरा प्लान और फाइनल डेवलपमेंट प्लान के तहत सेक्टर की बाउंड्री, सभी लाइसेंस जमीनों, बिक्री योग्य एरिया के साथ संबंधित सेक्टर के लेआउट प्लान के अलावा इन गांवों में पहले से मौजूद सुविधाओं जैसे अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और अन्य सुविधाओं के एवज में ईडीसी (एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज) की डिटेल दी गई है। लैंड पूलिंग स्कीम के तहत जमीन मालिक को उसकी जमीन के बदले उसी रिहायशी सेक्टर के विकसित होने पर नियमों के अनुसार रिहायशी प्लॉट तथा एक कमर्शियल प्लॉट दिया जाता है। इसमें कुछ लाभ भी होते हैं जिसके कारण जमीन मालिक इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं।  

इन चार ब्लॉक में विकसित होने हैं सेक्टर HSVP

नए सेक्टरों के विकास के लिए गुरुग्राम, पटौदी, सोहना और फर्रुखनगर के लिए प्लानिंग बनाई गई है। गुरुग्राम में 36ए, 37, सेक्टर-68, 69, 70 के साथ फर्रुखनगर में सेक्टर-3, पटौदी में सेक्टर-2,3, 4 और सोहना में सेक्टर-32, 33 का विकास होना है। यह सेक्टर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किए जाएंगे जो कि एस्टेट ऑफिस एक के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इस बारे में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत शुरुआती दौर में फील्ड के एसटीपी और डीटीपी से जानकारी मांगी गई थी।