Himachal: 56 साल बाद बर्फ में मिला आ​र्मी जवान का पार्थिव शरीर, रोहतांग दर्रे में विमान दुर्घटना में हुए थे लापता

munshi rewari
Himachal : हरियाणा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। रेवाड़ी के एक जवान का 56 साल बाद पार्थिव शरीर मिला है, जबकि वे 1968 में ही शहीद हो गए थे।56 साल पहले देश की सेवा में शहीद हुए रेवाड़ी का बुधवार को उनका पेतृक गांव मायरी मेंं अंतिम संस्कार किया जाएगा।     मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1968 में रोहतांग दर्रे के पास हुए एक विमान हादसे में भारतीय सेना को चार और शव मिले हैं। यह हादसा 56 साल पहले हुआ था। जिला रेवाड़ी की बावल तहसील के गांव गुर्जर माजरी के सिपाही स्वर्गीय मुन्शीराम भी इसी विमान में सवार थे।Haryana News

पार्थिव शरीर का लोगों को इंतजार

बता दे कि 56 साल पहले देश की सेवा में प्राणों को न्योछावर करने वाले जवान के पार्थिव शरीर को देखने के लिए गांव के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है। SAHIND MUNSHI BAWAL उपायुक्त अभिशेक मीणा ने बताया कि सैन्य अभियान दल ने बर्फ से ढ़के पहाड़ों से जो चार शव बरामद किए हैं, उनमें स्वर्गीय मुन्शीराम के अवशेश भी हैं। उनके पार्थिव शरीर को जल्द ही गांव में लाया जाएगा।

जानिए कब हुआ था हादसा

चंडीगढ़ से 102 यात्रियों को ले जा रहा भारतीय वायु सेना का एएन-12 विमान खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। कई दशकों तक विमान का मलबा और विमान सवारों के अवशेष बर्फीले इलाके में खोए रहे। 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के पर्वतारोहियों ने विमान के मलबे को खोज निकाला। Himachal: स्वर्गीय मुन्शीराम के पिता का नाम भज्जूराम और माता का नाम श्रीमती रामप्यारी तथा पत्नी का नाम श्रीमती पार्वती देवी है। स्वर्गीय मुन्शीराम के भाई कैलाशचन्द को इस सम्बन्ध में सेना की और से सूचना मिल गई हैं। गौरतलब है कि यह विमान हादसा 7 फरवरी, 1968 को हुआ था।  

डोगरा स्काउट्स किया अभियान का नेतृत्व

चंद्र भागा ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सेना अपने जवानों के परिवारों को सांत्वना देने के लिए कितनी दृढ़ है। ऊंचाई वाले अभियानों में विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध डोगरा स्काउट्स ने इस अभियान का नेतृत्व किया है।Haryana News इसके पहले भी खासकर डोगरा स्काउट्स ने कई अभियान चलाए। 2005, 2006, 2013 और 2019 में चलाए गए सर्च ऑपरेशन में डोगरा स्काउट्स सबसे आगे रहे। 2019 तक केवल पांच शव ही बरामद किए गए थे।Haryana News