Health Tips: शूगर, ब्लैड प्रेशर व मोटापा के लिए रामवाण है ये गेंहू, इस यूनिवर्सिटी ने 10 साल में किया तैयार

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हरियाणा: खापान के चलते आजकल शरीर को विभिन्न बिमारियों ने जकड लिया है। ऐसे में शूगर ब्लैड प्रेशर व मोटापा की बीमारी आजकल तेजी से बढती जा रही हैं। बुजुर्ग की नहीं युवा वर्ग भी आजकल इसकी चपेट मे आ रहा है। तीस से 40 फीसदी लोग इस बीमारी से झूज रहे है। इतना ही ईलाज के लिए दवाई लेकर वे इस कदर आदि हो गए है कि दवा का कोई असर ही नहीं हो रहा है। वे बार बार न केवल दवा बदल रही वहीं टैंशन में दिन रात काट रहे है।INSO ने मांगो को लेकर IGU के कुलपति को सोंपा ज्ञापन, दी चेतावनी दवाई नहीं है इन का ईलाज: कई लोग कई सालों से दवाइ का सेवन कर रहे है। कहीं भी बाहर गए तो उनका परहेज टूट जाता है और यह बीमारी फिर से उनको घेर लेती है। यहीं कारण है कि बीमारी का स्थाई ईलाज नहीं होने के चलते लोग परेशान है। कुछ समय तो दवाई का असर रहता है, लेकिन बाद मे वह असरहीन हो जाता है। लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्लांट ब्राडीइंग एंड जेनेटिक्स डिपार्टमेंट ने गेहूं की एक ऐसी किस्म तैयार की है इनको रोकने में रामवाण होगी। इस किस्म की मार्केट में भारी डिमांड बढती जा रही है।WHEAT बाजार में होगी उपलब्ध किसानों को भी इस बार रबी सीजन में गेहूं की इस नई किस्म का बीज बुआई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। गेहूं की ये किस्म मरीजों के लिए बेहद लाभदायक साबित होगीMSP पर खरीद शुरू नहीं, औने-पौने दाम में बाजरे की फसल बेचने को मजबूर किसान कृषि मेले में होगी प्रदर्शनी मोटापे वाले मरीजों को गेहूं खाने से मना करते हैं लेकिन गेहूं की इस नई किस्म को मोटापे और शुगर वाले मरीज आसानी से खा और पचा भी सकेंगे। इस साल लगने वाले कृषि मेले में यह बीज किसानों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा।शादी शुदा महिलाओं के लिए प्ररेणा स्त्रोत बनी रेवाड़ी की पुष्पलता, जानिए कैसे बैंक प्रबंधन ने बनी IAS जानिए क्यों है ये किस्म फायदेमंद यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने बताया कि गेहूं की इस किस्म में न्यूट्रा सिटिकल वैल्यूज हैं। इसमें रेजिस्टेंस स्टार्च का कॉन्टेंट, जो अमालियों के बढ़ाने से बढ़ता है वो बढ़ाया गया है। इसकी वजह से इसके दाने डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद होंगे और यह फाइबर की तरह डाइजेस्ट हो जाएगी।WHEAT कई सालों में तैयार हुई नई किस्म गेहूं की इस खास किस्म को तैयार करने में पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की 10 साल की मेहनत रंग लाई है। इस किस्म का कई जगहों पर ले जाकर परीक्षण किया गया है तब जाकर इस बीज को तैयार करने में सफलता हासिल हुई है।
PBW RS1 गेहूं के क्या-क्या लाभ हैं
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की ये जो स्पेशल किस्म विकसित की है इसके अनेकों लाभ हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी ही फायदेमंद साबित होगा। इस गेहूं का नियमित सेवन करने से मोटापे एवं शुगर जैसी समस्या पर काबू पाया जा सकता है। इस गेहूं की किस्म में न्यूट्रा सिटिकल वैल्यूज अधिक हैं। इसमें रेजिस्टेंस स्टार्च का कॉन्टेंट भी उपलब्ध है।
 नवीन किस्म 2024 अप्रैल माह के पश्चात बाजार में मिलेगी
इसके दाने डायबिटिक मरीजों के लिए भी काफी लाभकारी साबित होंगे। यह फाइबर की भांति शीघ्र ही डाइजेस्ट हो जाएगी। यह गेहूं 2024 अप्रैल महीने के बाद से बाजार में मौजूद रहेगी। वहीं, इस नए बीज की फसल तो कम होगी, परंतु बाजार में इसका भाव ज्यादा मिलेगा।