Rewari : बैंक को भेजी शिकायत -ठग को कैसे पता चला, मोबाइल नंबर रजिस्टर करने का झांसा देकर ठगे दो लाख
रेवाडी: सुनील चौहान। जिले में साइबर ठगी नहीं थम रहे है। आये दिन शातिर किसी न किसी को चूना लगा ही देते है। वहीं एक बार फिर जिले में शातिरों ने फर्जी बैंक अधिकारी बनकर खाता में मोबाइल नंबर रजिस्टर करने का झांसा देकर 2 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। खाते से पैसे निकलने का मैसेज आने के बाद पीड़िता को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। तत्पश्चात मामले को लेकर पीड़िता ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दी है।
शिकायत में मॉडल टाउन निवासी अंजली ने बताया कि उनका शहर में ही एक बैंक में खाता है। 8 मई को उनके पास एक कॉल आई, जिसमें काल करने वाले ने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खाते से कटे हुए पैसे रिफंड करने हैं। खाता में जो मोबाइल नंबर दर्ज है वह डि-रजिस्टर हो गया है। इसलिए यह पैसे जमा कराने के लिए आपको इंटरनेट बैकिंग अथवा एप के माध्यम से मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। इस पर शातिरों ने उन्हें मोबाइल नंबर रजिस्टर करने की बात कहकर मोबाइल पर आया एक मैसेज भेजने को कहा। इसके बाद बदमाशों ने 6 ट्रांजेक्शन में खाते से 2 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। इनमें 4 ट्रांजेक्शन तो 49750 रुपए की हुई हैं।
ऐसे की ठगी- कार्ड जांचने के दौरान कटी थी राशिशिकायतकर्ता अंजली के पिता सुनील गुप्ता ने बताया कि उनके खाते में 8 लाख रुपए की राशि थी। इस इंटरनेशनल कार्ड की लिमिट 2 लाखा रुपए है। 6 मई को उन्होंने कार्ड की वर्किंग चेक करने के लिए 1000 निकालकर देखे, मगर पैसे नहीं निकले। 3 प्रयास में एक बार पैसे निकले, जबकि पैसे तीनों बार ही कट गए।
शिकायतकर्ता के अनुसार इसकी कंपलेंट उन्हें पासबुक पर अंकित ईमेल पर भेजी। 8 मई को उनके पास एक कॉल आई, जिसमें ट्रू कॉलर पर भी नाम बैंक का ही दर्शा रहा था। इसलिए उन्होंने बात की। उक्त व्यक्ति ने खाते से कटी हुई राशि रिफंड करने की बात कहकर उक्त ठगी को अंजाम दिया।
गोपनीय जानकारियां लीक हुई : सुनील गुप्ता ने सवाल उठाए कि आखिर शिकायत पासबुक पर लिखी ईमेल पर की तो फोन करने वाले ठग को इसकी जानकारी कैसे हुई। ठगी करने वाले ने फोन करते ही खाते से कटी राशि लौटाने की बात कही, इसलिए हमने विश्वास किया। कहीं ने कहीं सिस्टम में खामी है, वरना गोपनीय जानकारियां बाहर कैसे जा सकती हैं।