Political News: हार जीत के आंकलन हुए फैल, हरियाणा के रेवाड़ी में राम भरोस है जीत की सियासत

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Political News: हरियाणा में चुनावी दंगल अब खत्म हो चुका है। शनिवार यानि आज हरियाणा में मतदान जारी है .   8 अक्टूबर को सभी 90 सीटों पर परिणाम आने वाले है। लेकिन हरियाणा में रेवाड़ी विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है हार जीत का आंकलन लगाना केवल कल्पना ही है।

रेवाडी विधानसभा में इस बार मुकाबला कांटे का होने जा रहा है। जहां पिछले साल भाजपा की आपसी फुट का फायदा मिला था, लेकिन एक बार कांग्रेस की स्थिति पहले से कमजोर मानी जा रही है। इतना ही नहीं एक ओर कांग्रेस के अरमानों पर झाडू फेकने के लिए आम आदमी पार्टी आ खड़ी हुई है। वहीं बीजेपी को अपनों की भीतरघात का खतरा सता रहा है। Political News

नए चेहरे की तलाश तो नहीं है कहीं

रेवाड़ी क्षेत्र का मिजाज समझना मुश्किल काम है। यह शहर जितना ऐतिहासिक है, उतना है आधुनिकता भी बना हुआ है। लेकिन इसके बावजूद यहां की चुनावी सियासत कांग्रेस के कैप्टन अजय यादव और बीजेपी के केंद्रीय सरकार में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रहती है।

 

इस बार जैसे ही आप ने अपनी झाडू बीच में लाकर रख दी है। हालांकि हार जीत का तो 8 अक्टूबर को ही पता चलेगा। लेकिन कुछ लोग ये भी इशारा कर रहे है इस बार कुछ बडा बदलाव होने वाला है।

रेवाड़ी सीट से पिछली विधानसभा में विधायक चिरंजीव राव रहे हैं जो कैप्टन अजय यादव के बेटे हैं। इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस के चिंरजीव राव और बीजेपी के लक्ष्मण यादव के बना हुआ था कि लेकिन आम आदमी की टिकट लेकर सतीश यादव जिल प्रमुख ने इस बार मुकाबले का रौचक बना दिया है।

बागी भी बिगाड सकते है मुकाबला
बीजेपी के बागी व निर्दलीय प्रत्याशी प्रशांत सन्नी भी अच्छा समर्थन जुटाते दिख रहे हैं। सन्नी की भीड किस पार्टी में सेंध लगा दी है इसका अभी तक कोई आंकलन नहीं इै। सन्नी ने ‘कमल’ का साथ छोड़कर जिस मजबूती से ताल टोकी है, वह कई प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकते हैं। यही कारण है इस रेवाड़ी में कुछ बडा बदलाव होने की आशंका है।

लक्ष्मण रेखा तोडना नहीं है आसान
बता कि कोसली से विधायक रहेलक्ष्मण यादव सांसद व रामपुरा हाउस के राव इंद्रजीत के नजदीकी माने जाते हैं। इन दोनों के सामने कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं आम आदमी पार्टी के सतीश यादव, जो पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय खड़े होकर अच्छे वोट ले चुके है। रेवाड़ी का युवा और बदलाव चाहने वाला वर्ग भी जिला प्रमुख के साथ है। ऐसे में क्या जिला प्रमुख लक्षमण रेखा तो तोडने में सफल होंगें या नहीं।