Haryana: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव है। चुनावो को लेकर एक बार किसानो की मांग को लेकर सरकार झुकने को तैयार हो गई है।इसी के चलते केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय किसान यूनियन की ओर से पंजाब- हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के प्रतिनिधि के साथ बैठक की।
(Haryana Vidhansabha Chunav) केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत कई मुद्दों पर बातचीत शुरू कर दी है। मंगलवार को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है।Haryana
इतना ही नहीं कई मांगों को लेकर किसानों से बातचीत करती रहेगी, जब तक मसलों का समाधान नहीं हो पाता है। कुछ मिलाकर चुनावों से पहले मोदी सरकार एक बार फिर नया दाव खेल रही है।Haryana
भारतीय किसान यूनियन के साथ हुई बैठक
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय किसान यूनियन की ओर से पंजाब- हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के प्रतिनिधि के साथ बैठक की। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि हमने MSP, पीएम किसान सम्मान- निधि और फसल बीमा योजना जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है।
फिलहाल, सरकार से इन मुद्दों पर विचार करने का आश्वासन मिला है। इस बैठक में उन किसान संगठनों का कोई नेता नहीं पहुंचा, जो 200 दिन से ज्यादा शंभू बार्डर पर डटे हुए हैं।Haryana
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा हम किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर है। सभी मुद्दों पर बैठकर बातचीत करेंगे और हर मसले का हल निकालने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की ओर से MSP को मजबूत करने के सुझाव मिले हैं।Haryana
उनकी मांगो व विचार को लेकर हम पार्टी से मंथन कर रहे है। उन्होंने वादा करते हुए कहा कि हर मंगलवार को किसानों के साथ बैठक करेंगे और देशभर के किसानों से बातचीत की जाएगी।Haryana
हरियाणा के चुनावों पर पडेगा असर
पिछले कई महीनों ने किसान शंभू बार्डर पर बड़ी संख्या में किसान 6 महीने से ज्यादा समय से डटे हुए हैं। खासतौर पर हरियाणा विस चुनाव के बीच किसानों से बातचीत शुरू कर माहौल अनुकूल किया जा रहा ताकि हरियाणा में हार नही झेलनी पडे।Haryana
केंद्र सरकार ने ऐसे समय पर किसानों से बातचीत शुरू की है, । ऐसी स्थिति में सरकार का बातचीत का प्रयास उन्हें साधने की कोशिश है तथा हरियाणा चुनाव में मनाने का है।
पंजाब से सटे इलाकों में ऐसा माहौल देखा भी जा रहा है। ऐसी स्थिति में मोदी सरकार की किसानों से बातचीत विधानसभा चुनाव को साधने की रणनीति ज्यादा नजर आ रही है। अब देखना यह है हरियाणा कि किसान कितना नायब सैनी को महत्त्व देते है।