Masani Sahibi Barrage: हरियाणा के जिला रेवाड़ी में साहबी बैराज में छोडा जा रहे पानी का मुद्दा आजकल चर्चा में हैंं। इनता ही नहीं वर्षों से साहबी बैराज में बिना ट्रीटमेंट का दूषित पानी छोड़े जाने से उत्पन्न हो रही पर्यावरणीय व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर अब प्रशासन ने गंभीर रुख अपनाया है। मसानी साहबी बैराज में प्रदूषित पानी के प्रवेश को रोकने के लिए 54.61 लाख रुपये की लागत से सलाहकार की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।Masani Sahibi Barrage
बता दें कि सलाहकार की नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। सलाहकार नियुक्त होने के बाद बैराज में स्वच्छ जल प्रवाह सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस रूपरेखा तैयार की जाएगी, जिसमें सर्वेक्षण, डिजाइन और जल शुद्धिकरण प्रक्रिया शामिल है।Masani Sahibi Barrage

218 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना तैयार: गौरतलब है कि साहबी बैराज में दूषित जल छोड़ने का मामला पहले से ही एनजीटी में विचाराधीन है। विभिन्न औद्योगिक इकाइयों और एसटीपी की भूमिका की जांच और नियंत्रण को लेकर कानूनी प्रक्रिया जारी है।
वहीं डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि 218 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना तैयार की गई है, जिसमें पांच बड़े जल टैंक, 23 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन और पटौदी के पास इंदौरी नदी तक जल प्रवाह की व्यवस्था शामिल है। योजना को पूरा करने में लगभग तीन वर्ष का समय लगेगा।
हाल ही में रेवाड़ी, खैरथल-तिजारा और भिवाड़ी के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक हुई, जिसमें दोनों राज्यों के डीसी ने ड्रेनेज व सीवेज की अलग-अलग योजनाएं तैयार करने का सुझाव दिया। इसके अलावा हाइड्रोलॉजी के माध्यम से अध्ययन करने और भिवाड़ी के जलग्रहण क्षेत्र को उपचारित किया जाएगा।
राजस्थान के निंबाहेड़ी, सारेखुर्द, थड़ा व ग्वालदा जैसे क्षेत्रों में जल संचयन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। रेवाड़ी के अधिकारियों के अनुसार स्थानीय कॉलोनियों से आने वाले गंदे पानी को वाटर बॉडी में ले जाने और आगे चलकर उसे उपचारित करने का कार्य शुरू हो चुका है।
2017-18 में साहबी बैराज में यमुना का अतिरिक्त पानी पहुंचाकर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनी थी, लेकिन वर्तमान में हालात यह हैं कि बिना ट्रीटमेंट का एसटीपी जल इसमें डाला जा रहा है।

















