Kisan Andolan: 7 जुलाई केा भरेगें हुंकार: शामिल होने के लिए किसानों को किया आमंत्रित

रेवाड़ी: सुनील चौहान। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर पर किसानों का धरना 197 वें दिन भी जारी रहा। वहीं सात जुलाई को क्षेत्र में की जाने वाली ट्रैक्टर परेड यात्रा को लेकर किसानों ने गांव-गांव जाकर जनसंपर्क किया। किसान नेताओं ने कहा कि गूंगी और बहरी केंद्र सरकार को जगाने के लिए किसानों को एक बार फिर हुंकार भरनी पड़ेगी।

बता दें कि दिल्ली कूच करते समय हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के किसानों को दिल्ली-जयपुर स्थित खेड़ा बॉर्डर पर रोक दिया था। उसके बाद से राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के किसानों ने यहीं पर अपना पड़ाव डाल दिया। किसानों के पड़ाव के साथ ही आसपास के क्षेत्रों के किसान भी आंदोलनकारी किसानों के साथ आ गए।

सोमवार को धरनास्थल पर भाकियू के प्रदेश सचिव रामकिशन महलावत व बावल चौरासी के प्रधान सुमेर जैलदार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में खेड़ा बॉर्डर पर किसानों को शुरू से ही बावल चौरासी की ओर से पूरा समर्थन दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस नहीं लिए जाने तक बावल चौरासी की ओर से समर्थन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि किसान अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसे वे लेकर रहेंगे। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून देश के किसानों को बर्बाद करने वाले हैं। केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने की बजाय आंदोलन को बदनाम करने के लिए लोगों को आपस में लड़ाने का प्रयास कर रही है। इस अवसर पर राजाराम मील, ईश्वर महलावत, अमराराम, रण सिंह, सुमेर सिंह व नवीन कुमार आदि किसान मौजूद रहे।

 

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