Hisar News: हरियाणा के छोरे रोहित नेहरा ने थाईलैंड में जमाई धाक, मैडल जीतकर लहराया परचम

ROHIT HISAR

Hisar News: थाईलैंड के श्रीराचा शहर में 16- 24 जुलाई तक आयोजित U- 15 और U- 20 जूनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में हरियाणा के जिला हिसार के गांव नियाणा के रोहित नेहरा ने सराहनीय प्रदर्शन करते हुए विदेश की धरती पर परचम लहरा दिया है। राहित ने अपनी मेहनत के चलते ब्रॉन्ज मेडल जीतकर हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है।

 

थाईलेंड में लहराया परचम

बता दे कि 87 किलोग्राम भारवर्ग में रोहित ने चीनी खिलाड़ी वांजजो को टेक्निकल फॉल से 8- 0 के बड़े अंतर से एकतरफा हार का मुंह दिखाते हुए ब्रॉन्ज मेडल पर जीत दर्ज की है। पूरे हरियाणा में उसकी चर्चाए हो रही है।

 

हरियाण के छोरे देश- दुनिया हरियाणा नाम रोशन कर रहे

सेना की भर्ती हो या खेल प्रतिस्पर्धा। हरियाणा के कर्मठ व मेहनती छोरे हमेशा आगे रहते है। कड़ी मेहनत और सच्ची लगन की बदौलत ही हरियाण के छोरे देश- दुनिया हरियाणा नाम रोशन कर रहे हैं।

राष्ट्रीय खेल हो या फिर कोई इंटरनेशनल खेल हो। हरियाणा के गबरू जवान मेडल जीतकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहे हैं। हरियाण के जिला हिसार जिले के खिलाड़ी रोहित ने भी विदेशी धरती पर पदक जीतकर हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है।

ओलम्पिक में पदक का सपना

रविन्द्र राणा ने कहा कि उनका मकसद ज्यादा से ज्यादा मेंडल लेकर देश्- दुनिया में हिंदुस्तान- नाम रोशन करना है। उनका सपना है कि ओलम्पिक में मेडल जीतकर गांव को नाम रोशन करें।

रोहित नेहरा का सफर हरियाणा के एक छोटे से गांव से शुरू होता है, जहां उनका जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। बचपन से ही रोहित में खेल के प्रति एक अद्वितीय जुनून था। हालांकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी।

लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उनके सपनों का समर्थन किया। रोहित की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई, जहां उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी रुचि दिखाना शुरू किया।

गांव में खुशी की लहर

कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर रोहित नेहरा के गांव में खुशिया मनाई जा रही है। वहीं, बेटे की इस उपलब्धि पर परिवार वाले भी खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। सुबह से उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

रोहित नेहरा की सफलता ने केवल खेल जगत में ही नहीं, बल्कि समाज में भी एक महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव डाला है। उनकी खेल उपलब्धियों ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है,

उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। रोहित नेहरा ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानियों के माध्यम से युवा पीढ़ी को यह संदेश दिया है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।