Haryana: दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर साहबी पुल मसानी के लगने वाले जाम से लोगों को जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है। वर्षों से जाम प्वाइंट बने साहबी बैराज पुल (मसानी बैराज) के स्थान पर नया पुल तैयार करने के लिए डीपीआर की मंजूरी मिल गई है। Overbridge Highway Masani New Bridge
बैराज का निर्माण 1989 में किया गया था। साहिबी नदी पर जो 120 किलोमीटर लंबी है और राजस्थान में अरावली पहाड़ियों से दक्षिण हरियाणा और दिल्ली तक बहती है । बता दे कि 1977 में साहिबी नदी के कारण बाढ़ आने के बाद, तत्कालीन प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई ने साहिबी नदी बेसिन के लिए बाढ़ नियंत्रण और जल उपयोग मास्टर प्लान का आदेश दिया , जिसके परिणामस्वरूप मसानी बैराज पर निर्माण फरवरी 1979 में शुरू हुआ और 1989 में पूरा हुआ।
बता दे इसमें पानी छोड़ने के लिए 18 द्वार हैं। 50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 18 किमी बैराज दीवार में पानी रोकने के लिए 400 एकड़ में जलाशय है। यहां पर दिल्ली मार्ग पर तो ओवरब्रिज नया बनया जा चुका है लेकिन जयपुर मार्ग पर कई सालो से तीन लाईन ओवरिब्रज बनाने की योजना अधर मे लटकी हुई है।
जल्द ही जयपुर मार्गपर तीन लेन का नया पुल बनाया जाना है। इसके के बाद यहां लगने वाले जाम से बड़ी राहत मिलेगी। दिल्ली-जयपुर राजमार्ग-48 के गुरुग्राम से कोटपूतली तक का हिस्सा जाम के कारण सबसे अधिक बदतर स्थिति में है। मसानी बैराज पर सिंगल मार्ग होने से आये दिन जयुपर मार्ग पर भयंकर जाम लगता है। ऐसे में यह ओवरब्रिज बनाना बहुत जरूरी है।
पिल्लर पहले से तैयार: बता दे जयपुर मार्ग पर ओवरब्रिज के पिल्लर पहले ही बने हुए है, ऐसे मे ओवरब्रिज बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। डीपीआर की मंजूरी मिलने पर जल्द ही टीम यहां का सर्वें करेगी ताकि आगे कार्रवाई की जा सकें। ओवरब्रिज बनाने की योजना तो पिछले तीन चार से ही पहले से चल रही है। लेकिन डीपीआर की अनुमति अभी मिली है।
फिलहाल डीपीआर बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। डीपाआर रिपोर्ट मिलते ही टेंडर कर दिया जएगा। उम्मीद है जनवरी माह में टैंडर प्रकिया हो जाएगी। मसानी के पास ओवरब्रिज बनाना बहुत जरूरी है।
प्रकाश तिवाडी, प्रोजेक्ट इंजीनियर, एनएचएआई 48