Haryana news : केंद्रीय श्रमिक संगठन ए आई यू टी यू सी (AIUTUC) के राज्य अध्यक्ष कॉमरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि एआईयूटीयूसी अपने स्तर पर और अन्य यूनियनों के साथ मिलकर मृतक श्रमिको के आश्रितों की न्याय की लड़ाई को सड़को पर और माननीय उच्च न्यायालय में भी लेडेगी। किसी भी सूरत में न्याय को कत्ल नही होने दिया जाएगा।
Haryana news: केंद्रीय श्रमिक संगठन एआईयूटीयूसी केAIUTUC राज्य अध्यक्ष कॉमरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि धारूहेड़ा लाइफ लॉन्ग कंपनी में बॉयलर फटने से 14 श्रमिको की अभी तक हुई दर्दनाक मौत ने हर नागरिक को अंदर से झकझोर दिया है और यह मौत का सिलसिला कब रुकेगा , कहना मुश्किल है।
परंतु कंपनी के प्रबंधक और ठेकेदार को गिरफ्तार नहीं करना जन मानस में गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। कॉमरेड राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच में प्राथमिक तौर पर यह साबित हो चुका है कि मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है तो फिर गिरफ्तारी क्यों नही ? एक्सपर्ट ओपिनियन से गिरफ्तारी का कोई संबंध नहीं है।
Haryana news; प्रबंधक ने कंपनी एक्ट एवम भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत अपराध किया है। दोनो अपराधो में कारवाई होनी चाहिए। कंपनी से संबंधित मामले में श्रम विभाग कानूनी कार्रवाई करे और आई पी सी के अंतर्गत कारवाई करने का अख्तियार पुलिस को है ।
एक्सपर्ट ओपिनियन कंपनी प्रबंधक की जान बूझ कर की गई घोर लापरवाही की डिक्री को तो बढ़ा सकती है परंतु एक्सपर्ट की यह राय नहीं हो सकती कि श्रमिक अपनी मौत के खुद जिम्मवार है।
कॉमरेड सिंह ने कहा कि तुरंत गिरफ्तारी नहीं की गई तो रेवाड़ी सचिवालय पर धरना शुरू कर दिया जायेगा और साथ में ही माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा जिसकी तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
उच्च न्यायालय एवम सर्वोच्च न्यायालय की ऐसे मामलो में काफी नजीरे है।कॉमरेड सिंह ने सरकार के इलावा इस अपराध के खिलाफ पक्ष और विपक्ष दलों के नेताओ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उनकी चुप्पी सभ्य समाज के लिए चिंता जनक है।
मृतक श्रमिक उत्तरप्रदेश , बिहार इत्यादि राज्यों से है और उनकी वोट यहां नहीं है , अगर इसलिए ही चुप्पी साधे हुए है तो इससे उनके सिद्धांत का खोखला पन ही साबित हो रहा है।
ए आई यू टी यू सी की मांग है कि मृतक श्रमिको के हत्यारो को तुरंत गिरफ्तार किया जाकर जेल भेजा जाए।आश्रितों को एक करोड़ रुपया मुवाहजा दिया जाए। घायलों को 50 लाख रुपए बतौर मुवावजा दिया जाए। ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावर्ती ना हो , उसके लिए कारगर कदम उठाए जाए।