Haryana News: हरियाणा के इस गांव को 4 दशकों बाद मिलेगा पीने का पानी, ग्रामीणों में खुशी की लहर
गांव के लोगों ने बताया कि जलघर बनने के बावजूद भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते गांव के लोगों को 40 साल तक खारे पानी से ही गुजारा करना पड़ा।

Haryana News: हरियाणा के जींद जिले के बधाना गांव को आखिरकार 4 दशकों के बाद पीने के पानी की गंभीर समस्या से निजात मिलने जा रहा है। वर्षों से यहां के ग्रामीण खारे पानी पर निर्भर थे, जो न तो पीने योग्य था और न ही घरेलू उपयोग के लायक।
अब सरकारी प्रयासों और ग्रामीणों की लगातार कोशिशों के चलते गांव में नहरी पानी की आपूर्ति का रास्ता साफ हो गया है। बधाना गांव के निवासी रामकरण, विकास, संदीप, हवा सिंह और महिलाओं में कमलेश, रीना, सुदेश, बिमला समेत कई अन्य ग्रामीणों ने बताया कि 1985 में सरकार ने गांव में जलघर तो बनवा दिया था, लेकिन नहरी पानी की आपूर्ति कभी शुरू नहीं हो सकी।
खारे पानी पर निर्भर थे गांव के लोग
ग्रामीणों का कहना है कि 40 वर्षों से वे भूमिगत खारे पानी पर निर्भर थे, जो न तो पीने योग्य था और न ही कपड़े धोने या अन्य घरेलू कामों के लिए। कई बार शिकायत करने और अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समस्या का हल नहीं हुआ।
गांव के लोगों ने बताया कि जलघर बनने के बावजूद भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते गांव के लोगों को 40 साल तक खारे पानी से ही गुजारा करना पड़ा।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने नहरी पानी की मांग को लेकर कई बार संबंधित विभाग, पंचायत और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई थी, लेकिन किसी ने इस समस्या पर गंभीरता नहीं दिखाई।
अंततः इस बार गांववासियों ने दोबारा से समस्या को गंभीरता से उठाते हुए मामले को उपायुक्त जींद और स्थानीय विधायक देवेंद्र अत्री के समक्ष रखा। स्थानीय विधायक और उपायुक्त ने भी इस बार मामले पर त्वरित संज्ञान लिया और संबंधित विभाग को तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए।
नहरी पानी की आपूर्ति का कार्य हुआ तेज
इस पहल के बाद ही बधाना गांव के जलघर में नहरी पानी की आपूर्ति शुरू करने के लिए नई मोटर और अन्य जरूरी उपकरणों की स्थापना का कार्य तेजी से शुरू हो गया है।
विभाग ने गांव के जलघर में नहरी पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए नई मोटर और अन्य जरूरी उपकरणों की फिटिंग का कार्य शुरू कर दिया है। जल्द ही बधाना गांव में पहली बार नहरी पानी पहुंचेगा।
इससे गांव के हजारों लोगों को राहत मिलेगी, जो अब तक खारे पानी का सेवन करने के लिए मजबूर थे। विभाग का दावा है कि अगले कुछ हफ्तों में काम पूरा कर लिया जाएगा और ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा।
स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे लोग
ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से खारे पानी का सेवन करने से गांव में कई लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं भी हो रही थीं। बच्चों और बुजुर्गों में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं, त्वचा रोग और दांतों में फ्लोराइड की अधिकता जैसी दिक्कतें देखने को मिल रही थीं।
अब जब गांव में नहरी पानी पहुंचेगा, तो ग्रामीणों को इन बीमारियों से भी काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है। गांव की महिलाओं और बुजुर्गों ने बताया कि खारे पानी के कारण उन्हें घरेलू कामकाज में भी काफी दिक्कतें आती थीं।
न तो कपड़े ठीक से धुल पाते थे और न ही खाना पकाने या अन्य कार्यों में पानी का सही इस्तेमाल हो पाता था। नहरी पानी आने के बाद अब महिलाओं को पानी से जुड़ी परेशानियों से काफी हद तक राहत मिलने वाली है।
वर्षों बाद रंग लाई ग्रामीणों की मेहनत
गांव के लोगों में इस खबर के बाद से खुशी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों बाद उनकी मेहनत और लगातार प्रयासों का रिजल्ट मिलने जा रहा है। ग्रामीणों ने विधायक देवेंद्र अत्री और जिला प्रशासन का आभार भी जताया है।
उन्होंने कहा कि यह गांव के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है क्योंकि यह समस्या पीढ़ियों से चली आ रही थी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही गांव के हर घर तक नहरी पानी पहुंचेगा और भविष्य में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए और भी बेहतर योजनाएं लाई जाएंगी।