Haryana News: पलवल जिले में फसल अवशेष जलाने पर अब जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। प्रदूषण को देखते हुए 253 गांवों में 323 नोडल अधिकारी फील्ड में सक्रिय किए गए हैं। जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि एनसीआर और पलवल में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रेप का पहला चरण लागू किया गया है।
पलवल, होडल और हसनपुर खंड के सात गांवों को यलो जोन में चिन्हित किया गया है। यलो जोन में हर 50 किसानों पर एक नोडल अधिकारी और ग्रीन जोन में हर 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। ये अधिकारी किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के उपाय समझाने और आगजनी रोकने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
सभी नोडल अधिकारी दीपावली के सार्वजनिक अवकाशों पर भी फील्ड में सक्रिय रहेंगे। जिला प्रशासन का उद्देश्य किसानों को दंडित करना नहीं बल्कि पर्यावरण और मिट्टी की सेहत को बचाना है। किसानों से अपील की गई है कि वे फसल अवशेष जलाने से बचें और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।
उपनिदेशक डॉ. बाबूलाल ने बताया कि दो एकड़ तक पराली जलाने पर 5,000 रुपये, पांच एकड़ तक 10,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक पर 30,000 रुपये का जुर्माना तय है। उल्लंघन करने वाले किसानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनकी रेड एंट्री ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर की जाएगी।
किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 1,200 रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जाएगी, जो फसल अवशेष का इन-सीटू या एक्स-सीटू प्रबंधन करते हैं। नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षित कर ऑनलाइन सत्यापन का जिम्मा दिया गया है। इसके साथ ही किसानों को सुपर सीडर, बेलर और एसएमएस जैसी आधुनिक मशीनें अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। विभाग की टीमें गांवों में जाकर मशीनों के फायदे और उपयोग की जानकारी दे रही हैं।

















