Haryana news: केजरीवाल को पानी को लेकर बुतुका ब्यान देना पडा महंगा, सोनीपत कोर्ट ने किया तलब
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Haryana news: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। यमुना नदी में जहर मिलने के बयान के बाद हरियाणा के सोनीपत प्रशासन ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
इस मामले में सोनीपत के राई से सिंचाई विभाग के अधिकारी आशीष कौशिक ने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद सोनीपत कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 26/25 के तहत जारी हुआ है और अरविंद केजरीवाल को 17 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
केजरीवाल के बयान के बाद कानूनी कार्रवाई
अरविंद केजरीवाल ने 27 जनवरी 2025 को हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि “हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी में जहर मिला दिया है।” इस बयान को लेकर केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि अगर दिल्ली जल बोर्ड ने समय पर जहर को पहचान न लिया होता, तो एक बड़ा सामूहिक नरसंहार हो सकता था। उनके इस बयान के बाद सोनीपत प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ शिकायत दायर की।
सोनीपत कोर्ट ने इस शिकायत के आधार पर 26/25 के तहत केजरीवाल को नोटिस जारी किया और उन्हें 17 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया। यह नोटिस कोर्ट द्वारा केजरीवाल के खिलाफ लिए गए फैसले का हिस्सा है।
चुनाव आयोग ने भी भेजा नोटिस
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने भी अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने उनसे अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा था। आयोग ने केजरीवाल से अपने बयान पर तथ्यात्मक और कानूनी साक्ष्य 29 जनवरी 2025 तक पेश करने का निर्देश दिया था, ताकि आयोग इस मामले की जांच कर सके और उचित कार्रवाई कर सके।
चुनाव आयोग के आधिकारिक पत्र में कहा गया कि इस प्रकार के आरोप गंभीर परिणामों का कारण बन सकते हैं, जैसे कि क्षेत्रीय समूहों और पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच दुश्मनी उत्पन्न हो सकती है और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। आयोग ने केजरीवाल से कहा कि उन्हें इस मामले में अपने जवाब में साक्ष्य भी प्रस्तुत करना होगा।
केजरीवाल के आरोपों के गंभीर परिणाम
अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में हरियाणा सरकार पर यह गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्होंने जानबूझकर यमुना नदी के पानी में जहर मिलाया है। इस आरोप का न केवल प्रशासनिक और कानूनी पहलू है, बल्कि इसका सामाजिक और राजनीतिक असर भी हो सकता है। केजरीवाल के इस बयान से दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ सकता है, और यह क्षेत्रीय राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है।
अभी तक, केजरीवाल के आरोपों का कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है। हालांकि, उनके इस बयान के बाद हरियाणा सरकार और दिल्ली जल बोर्ड दोनों के अधिकारी बयान देने में जुट गए हैं, और यह मामला अभी भी जांच के दायरे में है।
केजरीवाल के बयान के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
अरविंद केजरीवाल का यह बयान चुनावी माहौल में एक नया मोड़ लेकर आया है। जहां एक ओर उनकी पार्टी ने केजरीवाल के बयान को सही ठहराया है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों ने इसे सिर्फ चुनावी लाभ लेने का एक तरीका करार दिया है। हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के बयान को पूरी तरह से निराधार और झूठा बताया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्रियों ने भी इस मामले में केजरीवाल के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
हरियाणा सरकार का कहना है कि यमुना नदी का पानी पूरी तरह से सुरक्षित है और दिल्ली जल बोर्ड ने इस पानी की गुणवत्ता की जांच की थी। सरकार का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का बयान केवल जनता को गुमराह करने और उनके बीच भ्रम फैलाने के लिए था।
केजरीवाल के बयान पर दिल्ली में भी राजनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत, इस बयान को लेकर दिल्ली में भी राजनीति तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर हरियाणा सरकार के खिलाफ माहौल तैयार किया है और इसे दिल्ली के लोगों के लिए खतरे के रूप में पेश किया है। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे एक चुनावी स्टंट के रूप में देखना शुरू कर दिया है।
कुल मिलाकर, अरविंद केजरीवाल के बयान ने न केवल हरियाणा और दिल्ली के बीच की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि इसके कानूनी और चुनावी असर भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि इस मामले की जांच में क्या निकलकर सामने आता है और क्या चुनाव आयोग और सोनीपत कोर्ट इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।
अरविंद केजरीवाल के बयान और इसके बाद उठाए गए कानूनी कदमों ने दिल्ली और हरियाणा की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस मामले में चुनाव आयोग और कोर्ट की जांच के बाद ही साफ होगा कि केजरीवाल के आरोप सही थे या सिर्फ एक राजनीतिक बयान था। फिलहाल, यह मामला जांच के दायरे में है और आगे की घटनाओं पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।