Haryana: हरियाणा में जमीन रजिस्ट्री के नए नियम जारी, यहां पढे अपडेट
हरियाणा सरकार के इस नए फैसले से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी

Haryana सरकार ने भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए एक नई प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। अब संपत्ति पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) की प्रक्रिया प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर पूरी होगी, जिससे आम जनता को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस सुविधा को पहले चरण में सोनीपत और करनाल जिलों में लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दी नई प्रणाली की जानकारी
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि पहले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा ‘अन्य’ श्रेणी का प्रावधान था, जिसके कारण पंजीकरण के दौरान कई खामियां आ रही थीं। इन खामियों को सरकार ने दूर कर दिया है, जिससे अब प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर ही बिना किसी परेशानी के संपत्ति की रजिस्ट्री हो सकेगी।
राजस्व रिकॉर्ड से जुड़ेगा मैपिंग प्रोजेक्ट
राज्य सरकार एक बड़े मैपिंग प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर रही है, जिसके तहत शहरी क्षेत्रों की मैपिंग की जा रही है। जब यह प्रक्रिया राजस्व रिकॉर्ड से जुड़ जाएगी, तब ट्रांसफर की जरूरत भी समाप्त हो जाएगी। इससे संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और लोगों को बेवजह कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
जनता को मिलेगी बड़ी राहत
हरियाणा में भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के इस बड़े बदलाव से राज्य के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब लोगों को सिर्फ प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर ही रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिससे समय की बचत होगी और अनावश्यक दस्तावेजी प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी।
भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि पहले राजस्व रिकॉर्ड में शहरी, ग्रामीण और अन्य क्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रावधान थे, जिससे रजिस्ट्री में विसंगतियां उत्पन्न हो रही थीं। खासकर ‘अन्य’ क्षेत्र की श्रेणी में कई खामियां थीं, जिससे लोग गलत तरीके से रजिस्ट्रेशन करवा लेते थे। सरकार ने इस समस्या का स्थायी समाधान कर दिया है।
कैसे होगी नई प्रक्रिया?
- प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर रजिस्ट्रेशन होगा।
- ऑनलाइन प्रक्रिया से रजिस्ट्री में पारदर्शिता आएगी।
- शहरी क्षेत्रों की मैपिंग राजस्व रिकॉर्ड से जोड़ी जाएगी।
- भूमि ट्रांसफर की जरूरत नहीं होगी क्योंकि रजिस्ट्री सीधे राजस्व रिकॉर्ड से जुड़ी होगी।
- कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत खत्म होगी और समय की बचत होगी।
पहले चरण में किन जिलों को मिलेगा लाभ?
नई प्रणाली का पहला चरण सोनीपत और करनाल जिलों में लागू किया जाएगा। उसके बाद इसे राज्यभर में विस्तारित किया जाएगा।
भविष्य में क्या होंगे फायदे?
- भूमि विवादों में कमी आएगी।
- भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी।
- रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान और तेज़ होगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड होने से डेटा की सुरक्षा बढ़ेगी।
हरियाणा सरकार के इस नए फैसले से राज्य के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। यह बदलाव डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।