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Haryana: गुरुग्राम में फिर बढ़ा खर्च! नगर निगम का नया आदेश — पानी के बिल से बढ़ेगी टेंशन!

On: October 29, 2025 7:47 PM
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Haryana: गुरुग्राम में फिर बढ़ा खर्च! नगर निगम का नया आदेश — पानी के बिल से बढ़ेगी टेंशन!

Haryana: गुरुग्राम नगर निगम (MCG) ने शहरवासियों के लिए पानी और सीवरेज बिलों में 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि लागू कर दी है। अब उपभोक्ताओं को नए संशोधित दरों के आधार पर बिल जारी किए जाएंगे। यह निर्णय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) की 12 जनवरी 2018 की अधिसूचना के अनुरूप लिया गया है, जिसमें प्रत्येक वर्ष जल और सीवरेज दरों में बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया था। निगम अधिकारियों के अनुसार, 2020 से 2025 की अवधि के लिए भी यह बढ़ोतरी लागू होगी। यानी उपभोक्ताओं से इस अवधि के बकाया बढ़े हुए बिलों की वसूली भी की जाएगी और इसके लिए अलग-अलग नोटिस भेजे जाएंगे। नगर निगम आयुक्त ने इस देरी पर असंतोष जताते हुए अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से संशोधित दरों के आधार पर बिल तैयार करने के निर्देश दिए हैं। निगम के कार्यकारी अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि एजेंसी को नए दरों के अनुसार बिल तैयार करने के आदेश दिए जा चुके हैं।

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गुरुग्राम नगर निगम शहर के घरों तक पेयजल की आपूर्ति करता है, जबकि गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) शहर के चंदू बुधेरा और बसई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से बूस्टिंग स्टेशनों तक थोक पेयजल पहुंचाती है। इसके बदले में GMDA नगर निगम को हर महीने 12 करोड़ रुपये का बिल भेजती है। हालांकि, शहर में कुल 1.84 लाख पानी के कनेक्शन हैं, जिनमें से लगभग 1.5 लाख कनेक्शन पर वॉटर मीटर नहीं लगे हैं। मीटर न होने के कारण पानी की भारी बर्बादी हो रही है और निगम उपभोक्ताओं से बिल की वसूली नहीं कर पा रहा है। करीब चार लाख की आबादी वाले शहर में इतने कम कनेक्शन होने से यह स्पष्ट है कि जल खपत तो अधिक है, लेकिन निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

110 करोड़ से अधिक बकाया, हर महीने 12 करोड़ का बिल, वसूली सिर्फ 3 करोड़ रुपये की

GMDA के पास वर्तमान में नगर निगम का 110 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया जल बिल है। निगम उपभोक्ताओं से जितनी वसूली कर पा रहा है, वह उसकी कुल देनदारी का केवल एक छोटा हिस्सा है। हर महीने GMDA जहां 12 करोड़ रुपये का बिल भेजती है, वहीं नगर निगम केवल 3 करोड़ रुपये की वसूली कर पाता है। आंकड़ों के अनुसार, निगम सालभर में कुल मिलाकर सिर्फ 35 से 36 करोड़ रुपये की ही वसूली कर पाता है, जबकि उसे GMDA को सालाना लगभग 145 करोड़ रुपये चुकाने पड़ते हैं। यह घाटा निगम की वित्तीय स्थिति को लगातार कमजोर कर रहा है। जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मीटरिंग सिस्टम लागू करने और उपभोक्ताओं को समय पर बिल भुगतान के प्रति जागरूक करने की दिशा में जल्द कदम उठाए जाएंगे।

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निगम के सामने बड़ी चुनौती — जल बर्बादी रोकना और वसूली बढ़ाना

गुरुग्राम नगर निगम के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती जल की बर्बादी रोकना और राजस्व वसूली बढ़ाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सभी कनेक्शनों पर वॉटर मीटर नहीं लगाए जाते, तब तक जल आपूर्ति व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं आ सकती। निगम प्रशासन अब योजना बना रहा है कि शहर के सभी घरों में मीटर लगाए जाएं और बकाया वसूली के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम के माध्यम से भुगतान की सुविधा दी जाएगी, ताकि प्रक्रिया सरल और तेज हो सके। नगर निगम की नई दरों के साथ लागू यह निर्णय भले ही उपभोक्ताओं के लिए थोड़ी असुविधा लाए, लेकिन इससे शहर की जल आपूर्ति व्यवस्था के सुधार और वित्तीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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P Chauhan

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