Haryana Budget 2024: विधानसभा में बजट सत्र के छठे दिन सीएम हरियाणा मनोहर लाल व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की काफी बहस हुई। हुड्डा ने आरोप लगाया कि बजट केवल कागजों में ही है। हरियाणा में असल कर्ज की छिपाया गया है। जबकि सीएम ने कहा कर्ज भी काफी कम हुआ है तथा कांग्रेस के सयम से अपराध भी घटा है।
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दोनो में हुई खूब बहस: कर्ज और अपराध के आंकड़ों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सदन में आमने-सामने आ गए। सीएम हरियाणा का दाव है कि प्रदेश में अपराध कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के मुकाबले कम हुआ है।
स्टेट ऑन टैक्स रेवन्यू 20 गुना अधिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट का मूल सिद्धांत प्राप्तियां और खर्च होता है, जिसमें एक पैसे का अंतर भी नहीं हो सकता। स्टेट ऑन टैक्स रेवेन्यू पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2001-02 में यह आंकड़ा 4,971 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान में 84,551 करोड़ रुपये प्रस्तावित है, जोकि 20 गुना से अधिक की वृद्धि है। हमारा स्टेट ऑन टैक्स रेवेन्यू बढ़ा है, जो विकास को दर्शाता है। इससे जीएसडीपी भी बढ़ी है।
हरियाणा पर कुल 4.51 लाख करोड़ रुपये कर्ज: हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा में बजट को पूरी तरह आंकड़ों की लीपापोती करार दिया। हुड्डा ने कहा कि इस सरकार ने प्रदेश पर कर्ज बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया। आज हरियाणा पर कुल 4,51,368 करोड़ रुपये (आंतरिक कर्ज- 3,17,982, स्मॉल सेविंग- 44000, बॉर्ड व कॉरपोरेशन- 43,955, बकाया बिजली बिल व सब्सिडी- 46,193) का कर्जा हो चुका है।
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वर्ष 2024-25 बजट अनुमानों में यह 2.77 प्रतिशत अनुमानित है। मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2014-15 में इफेक्टिव रेवन्यू डेफिसिट 1.90 प्रतिशत था, जो अनुपूरक अनुमान-2023-24 में 0.65 प्रतिशत रहा और वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान में 0.9 प्रतिशत प्रस्तावित है। उम्मीद है कि यह एक प्रतिशत से नीचे ही रहेगा। इसमें हम लगातार सुधार कर रहे हैं। प्रदेश पर 31.7 लाख करोड़ का कर्ज है और यह तय लिमिट में है।
कांग्रेस के मुकाबले अपराध में आई कमी
मुख्यमंत्री ने अपराध के तुलनात्मक आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2005 से 2014 तक 10 सालों में प्रदेश में हत्या के मामलों में वार्षिक वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत थी, जो 2014 से अब तक माइनस 0.51 प्रतिशत है। इसी प्रकार, डकैती की दर 7.73 से घटकर माइनस 3.90, लूटपाट की 9.38 प्रतिशत से घटकर 3.23 प्रतिशत, छीना-झपटी 10.86 प्रतिशत से घटकर 4.53 प्रतिशत,
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दुष्कर्म की 10.86 प्रतिशत से घटकर 5.01 प्रतिशत, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मामलों की दर 18.02 प्रतिशत से घटकर 2.62 प्रतिशत, बच्चों का अपहरण मामलों की दर 22.61 से घटकर 3.49 प्रतिशत, सरकारी कर्मचारियों पर हमले की दर 4.41 प्रतिशत से घटकर माइनस 2.81 और दहेज हत्या के मामलों की दर 3.66 से घटकर माइनस 4.1 हुई है।
हुड्डा ने कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए भी सरकार ने 67,163 करोड़ रुपये लोन लेने की बात कही है जबकि पिछले लोन और उसके ब्याज के भुगतान में ही सरकार को 64,280 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। यानी नए कर्ज की 95.7 प्रतिशत राशि पुराने लोन की किश्त देने में ही खर्च हो जाएगी।
इसी तरह सरकार द्वारा बजट में 55,420 करोड़ के पूंजीगत निर्माण में व्यय करने की बात कही गई लेकिन अगर इसमें से कर्ज की किश्त व पेशगी घटा दी जाए तो यह राशि सिर्फ 16,280 करोड़ रुपये ही बचती है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बजट सिर्फ आय और खर्च का लेखा-जोखा नहीं होता बल्कि ये प्रदेश में विकास की दिशा भी तय करता है लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे महज एक वित्तीय औपचारिकता बनकर रख दिया है। पिछले साढ़े नौ साल में इस सरकार ने जितने भी बजट पेश किए हैं, उनमें किए गए दावे और वादे कभी जमीन पर नहीं उतर पाए।