Haryana: विराट अस्पताल गैस कांड : हाई कोट ने स्वास्थ्य महानिदेशक को दिए जांच के निर्देश, 15 दिन में तलब की रिपोर्ट
रेवाडी: सुनील चौहान। यहां के विराट अस्पताल में कथित ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौत का मामला फिर से गरमा गया है। मानवाधिकारी आयोग के बाद अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने भी मामले में संज्ञान लिया है। इसके लिए राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक को जांच के आदेश दिए गए हैं।
महानिदेशक की ओर से सिविल सर्जन को पत्र जारी कर दिया है, जिसमें जांच रिपोर्ट 15 दिन के अंदर भेजने के लिए कहा है। इधर, जिला प्रशासन की कमेटी मामले की जांच में जुटी हुई है। हालांकि कमेटी की ओर से अभी तक फाइनल रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। इस मामले में मानवाधिकार आयोग भी रिपोर्ट तलब कर चुका है। 25 अप्रैल को विराट अस्पताल के बाहर अचानक ही लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया था।
अस्पताल प्रबंधन की ओर से कह दिया गया था कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। इस दौरान 4 मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने आरोप लगाए कि पानीपत से सप्लाई आने के बावजूद भी उन्हें ऑक्सीजन नहीं दी गई। हमने बावल में सप्लायर के पास ट्रक भेजा, जिसमें सिलेंडर लोड होने के बाद एजेंसी के पास अचानक फोन आया कि ट्रक को रोक दिया गया है। शिकायत के बाद अस्पताल संचालक, सप्लायर और अधिकारियों के हुए बयान मरीजों की मौत के बाद हल्ला मच गया था। राज्य सरकार तक के पास इसकी शिकायतें पहुंची। डीसी यशेंद्र सिंह ने मामले की गंभीरता समझते हुए तुरंत इसकी जांच के आदेश दिए। इसके लिए एडीसी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई, जिसमें एक डिप्टी सिविल सर्जन और ड्रग कंट्रोलर को शामिल किया गया है। 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। इस मामले में 40 दिन बाद जांच शुरू हुई। 5 दिन से जांच की जा रही है, लेकिन अभी तक फाइनल रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। अधिकारियों की माने तो इस बारे में अस्पताल संचालक, स्वास्थ्य अधिकारियों और ऑक्सीजन सप्लायर तक के बयान हो चुके हैं। जांच कमेटी का निष्कर्ष पर पहुंचना बाकी है। इसके बाद रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी। यहां से मानवाधिकार आयोग को भी रिपोर्ट भेजी जानी है।
अधिवक्ता भार्गव ने 23 वकीलों का हस्ताक्षर युक्त एक मांगपत्र सीबीआई से जांच कराने के लिए भेजा था ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाने से 4 मरीजों की सांसें रुक चुकी थी। इसी मामले में अधिवक्ता सुनील भार्गव ने मुख्य न्यायाधीश पंजाब एंड हरियाणा, सीएम मनोहर लाल व प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को 23 वकीलों का हस्ताक्षर युक्त एक मांग पत्र सीबीआई से जांच कराने के लिए भेजा था। मुख्य न्यायधीश ने संज्ञान लेते हुए डीजी हेल्थ (स्वास्थ्य महानिदेशक) हरियाणा को मामले की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। अब डीजी हेल्थ ने रेवाड़ी सीएमओ को उक्त मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि 27 मई को ये निर्देश पत्र जारी हुआ था।