Haryana: किसान आंदोलन: गर्मी के तेवर भी नहीं झुका सके आंदोलनकारी किसानों को
रेवाड़ी: सुनील चौहान। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना 179 वें दिन भी जारी रहा। लगातार कई दिन से पड रही भीषण गर्मी के चलते भी किसानों का जोश खत्म नहीं हुआ है। धीरे धीरे धरना स्थल पर किसानो की संख्या बढती ही जा रही है।
बता दें कि दिल्ली कूच करते समय हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के किसानों को खेड़ा बॉर्डर पर रोक दिया था। उसके बाद राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के किसानों ने यहीं पर अपना पड़ाव डाल दिया। यहां हाईवे बंद होने से आसपास के संपर्क सड़कों से निकलने वाले मालवाहक वाहनों के कारण सड़कों की जर्जर हालत हो गई है।
चौधरी अमराराम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून किसानों को बर्बाद करने वाले हैं। सरकार अगर किसानों से बात करना चाहती है तो उसे तीनों कानूनों को रद्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन किसानों के हौसले कम नहीं होंगे। झुलसाने वाली गर्मी में किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन को जारी रखेंगे। केंद्र सरकार अपनी जिद व झूठी शान के कारण तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर रही है। लेकिन अब देश का किसान केंद्र सरकार की असलियत को जान चुका है। उन्होंने कहा कि देश किसानों के साथ मजबूती से खड़ा हुआ है। यही कारण है कि देश के इतिहास में पहली बार कोई आंदोलन इतना लंबा चला है, लेकिन केंद्र सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इस अवसर पर राजाराम मील, बलबीर छिल्लर, डॉ. संजय माधव, चौधरी बच्चू सिंह शाहपुर, किशन प्राणपुरा व त्रिलोक चंद सहित अन्य किसान मौजूद रहे।