सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को एक और बड़ा तोहफा दिया है। कर्मचारियों को 42 दिन की विशेष छुट्टी मिलेगी, इस छुट्टी को लेने के लिए कर्मचारियों को सरकार द्वारा तय नियमों (सरकारी छुट्टियों के नियम) को पूरा करने पर मिलेगी। अगर कोई कर्मचारी इन नियमों और शर्तों को पूरा करता है तो वह इन छुट्टियों का लाभ उठा सकता है। इस संबंध में DoPT (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।
रिकवरी के लिए मिलेगा समय-
ये छुट्टियां देने के पीछे सरकार का मकसद है कि सर्जरी (मेडिकल लीव रूल्स) के बाद कर्मचारी अपनी सेहत को ठीक कर सकेगा और घर पर भी उसकी अच्छी तरह से देखभाल हो सकेगी और उसे आराम भी मिलेगा। सर्जरी के जरिए शरीर से अंग निकालने (लीव रूल्स फॉर ऑर्गन डोनेशन) के बाद मरीज को ठीक होने और स्वस्थ होने में काफी समय लगता है। इसलिए सरकार ने ‘विशेष कल्याणकारी उपाय’ के तौर पर अंगदान करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को अधिकतम 42 दिन की विशेष आकस्मिक छुट्टी देने का फैसला किया है।
सर्जरी के प्रकार की कोई भूमिका नहीं-
सर्जरी कोई भी हो, कर्मचारी को 42 दिन की छुट्टी मिलेगी। डीओपीटी के आदेश के अनुसार, यह विशेष आकस्मिक अवकाश अस्पताल में भर्ती होने के दिन से लगातार 42 दिनों तक लिया जा सकता है। अगर डॉक्टर ने सिफारिश की है, तो यह अवकाश (अंगदान के लिए छुट्टी) एक सप्ताह पहले भी लिया जा सकता है।
कर्मचारी इन अंगों का कर सकते हैं दान
कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी असमंजस की स्थिति है कि कर्मचारी कौन से अंग दान कर सकते हैं। आपको बता दें कि कर्मचारी (सरकारी कर्मचारी छुट्टी नियम) अपनी किडनी, अग्न्याशय और लीवर का हिस्सा दान कर सकते हैं। लीवर का हिस्सा भी दान किया जा सकता है। इन अंगों का दान करने से दानकर्ता के शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
















