Earthquake: एक बार फिर भारत और नेपाल सीमा पर भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए है। रविवार का आए भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई है। सबसे अहम बात तो यह है अक्टूबर मे तीन बार भूंकप में झटके आ चुके है।Haryana: पहली बार सुरजकुंड में होगा दीवाली मेले का आयोजन, इनकी नहीं लगेगी टिकट: अरविंद यादव
भूकंप का केन्द्र काठमांडू से लगभग 55 कि.मी. पश्चिम में धाडिंग में था। जैसे ही लोगो ने तेज झटके महसूस किए और लोग अपने घरों से बाहर निकल आये। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप 13 किमी (8.1 मील) की गहराई पर था। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी महसूस किये गये हैं।
जानिए भूकंप की तीव्रता के कितना होता है असर
0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
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5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं।
अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।
पहले भी आ चुके हैं कई बार भूकंप के झटके
गौरतलब हैं कि एक हफ्ते पहले दिल्ली में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। देश की राजधानी दिल्ली के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद में भी धरती हिली थी। उधर, हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया था। अक्टूबर में इस बार तीन बार भूंकप आ चुका है।