नूंह: हरियााणा के मेवात यात्रा में हुई हिंसा को लेकर चर्चा में रहा है। साइबर टीम ने मेवात ( Cyber Crime in Mewat )में बडी कार्रवाई की है। साइबर ठगों पर शिकंजा कसते हुए पुलिस ने दो माह में 19000 फर्जी सिमों को ब्लॉक कराया है। वही कई वेसाइटो को बंद करवाया गया है।
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मेवात क्षेत्र के गांव में रहकर ऑनलाइन ठगी करने वालों को पुलिस ने शिकंजा कसने का काम शुरू कर किया था। 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद पुलिस का काम धीमा पड़ गया था।
लेकिन बीस अगस्त के बाद से पुलिस टीमें फिर सक्रिय हुई। साइबर सेल की मदद लेकर साइबर ठगों का पता लगाने के लिए मोबाइल टावरों से डंप लिया और जांच की दूसरे राज्यों से जारी सिम से जुड़े मोबाइल नंबर कितने सक्रिय हैं।
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काबू किए ठगों से पूछताछ में सामने आया ठगी की रकम जिस बैंक खाते में डलवाते थे उसमें मोबाइल नंबर भी फर्जी सिम वाला ही दर्ज होता था। वे कि झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, असम, उत्तर प्रदेश तथा अन्य कई राज्यों से जारी किए सिम को ठग अपने जान-पहचान वाले ट्रक चालकों से मंगाते थे।
जानिए क्या है सिम का रेट
एक सिम का दो से तीन हजार रुपया देते थे। उन्हीं सिमों को मोबाइल में डाल लोगों को ठगने के लिए काल करते थे। ठगी की रकम जिस बैंक खाते में डलवाते थे उसमें मोबाइल नंबर भी फर्जी सिम वाला ही दर्ज होता था
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20 ठग दबोचे
ठग अपना गांव छोड़ दूसरे राज्यों में रह रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के चार पुलिस टीम लगाई गई जो लगातार छापेमारी कर रही हैं। 45 साइबर ठगों के नाम पुलिस के पास आ चुके हैं। उनकी खोजबीन की जा रही है। बीस साइबर ठगों को दबोच जेल भेज दिया है। जल्द ही अन्य को काबू किया जाएगा।
















