चार सौ बीस (420) यानी धोखाधड़ी, दफा 302 यानी हत्या व 376 यानी रेप जैसे अपराध में होगा बदलाव
Breaking News: भारतीय दंड संहिता, भारतीय, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया जा रहा है।
इसी के चलते नए कानूनों के प्रावधानों से पुलिस कर्मचारियों को परिचित करवाने के उद्देश्य से सोमवार को पर्यवेक्षण अधिकारियों और थाना प्रभारियों के साथ पुलिस अधीक्षक मोहित हांडा की ओर से विशेष बैठक आयोजित की गई।
बता दे कि अभी 1 जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर तीन नए कानून लागू किये जा रहे हैं। इन्हीें को लेकर मंथन किया गया।
1860 में बनाए गए इन पुराने कानूनों की जगह भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेने जा रहे हैं। नए कानूनों के प्रावधानों से पुलिस कर्मचारियों को परिचित करवाया गया ताकि उनको आगे परशानी नहीं उठानी पडे।
नए व पुराने कानूनों के अंतर किया मंथन
बैठक में सबसे पहले नए और पुराने कानूनों के बीच क्या है अंदर है इसके बार में पूरी जानकारी दी। अपराध की श्रेणी में कौन- कौन से कृत्य शामिल होते हैं, पुलिस के अपराध अनुसंधान का दायरा क्या है, डिजिटल तकनीक का किस प्रकार कानून के दायरे के तहत इस्तेमाल किया जा सकता है।
महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के प्रारूप में क्या बदलाव हुए हैं आदि विषयों के बारे में भी जानकारी दी गई तथा नए काननू को से कितना प्रभाव पडेगा इसको लेकर भी बातचीत हुई।
स्पेशल दी जाएगी ट्रेनिंग
पुलिस कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के लिए पुलिस ट्रेनिंग सेंटर मधुबन और सुनारिया में मास्टर ट्रेनर के रूप में एएसपी राजेश कुमार मोहन और डीएसपी गौरव शर्मा को तैयार किया जा रहा है। पहले इनको जागरूक किया जाएगा तथा बाद में पुलिस कर्मचारियों को इन ट्रेनर्स के द्वारा नए नियमों को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जानिए किन धाराओं में होगा बदलाव
केंद्र सरकार के होम मिनिस्ट्री की ओर से इस मामले में नोटिफिकेशन जारी कर कहा गया है कि तीनों क्रिमिनल लॉ एक जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। सिर्फ धारा-106 (2) अभी अमल में नई आएगा।
संसद से तीनों कानूनों को 21 दिसंबर 2023 को पास हो गया था जिसके बाद राष्ट्रपति ने इस पर 25 दिसंबर 2023 को मुहर लगा दी थी। पुराने औपनिवेशिक काल के कई शब्दावली को हटा दिया गया है।
ऐसे करीब 475 शब्दों को डिलीट किया गया है जिनमें लंदन गजट, ज्यूरी, हर हैनिस आदि शामिल हैं। पहले जहां चार सौ बीस (420) यानी धोखाधड़ी, दफा 302 यानी हत्या व 376 यानी रेप जैसे अपराध के लिए कानून की किताब में लिखी धाराएं लोगों के जुबान पर चढ़ी हुई थी वह सब अब बदल गई है।