Breaking news: हरियाणा केसिरसा जिले में नकद भीख देने के खिलाफ एक नया सामाजिक अभियान शुरू किया गया है। इस पहल के तहत नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी प्रकार के भिखारी को नकद राशि न दें, बल्कि आवश्यकता होने पर भोजन और पानी उपलब्ध कराएं।
अभियान से जुड़े लोगों का कहना है कि नकद भीख देने की प्रवृत्ति के कारण संगठित गिरोह सक्रिय हो जाते हैं, जिनका सीधा असर बाल अपहरण और जबरन भीख मंगवाने जैसी आपराधिक गतिविधियों पर पड़ता है।
अभियान के अनुसार यह नियम सभी पर समान रूप से लागू किया जा रहा है, चाहे भीख मांगने वाला व्यक्ति पुरुष हो, महिला हो, बुजुर्ग हो, दिव्यांग हो या बच्चा। लोगों से कहा गया है कि सहानुभूति दिखाते हुए नकद पैसे देने के बजाय खाने-पीने की वस्तुएं दी जाएं, जिससे वास्तविक जरूरतमंद की मदद भी हो सके और गलत तत्वों को बढ़ावा भी न मिले।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि आम लोग नकद भीख देना पूरी तरह बंद कर दें, तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय भिक्षावृत्ति से जुड़े गिरोह कमजोर पड़ सकते हैं। इससे बच्चों को जबरन भीख मंगवाने और अपहरण जैसी घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। अभियान से जुड़े लोगों का यह भी कहना है कि सड़क पर भीख मांगने के पीछे कई बार संगठित अपराध काम करता है, जिसे केवल संवेदनशील लेकिन सख्त सामाजिक व्यवहार से रोका जा सकता है।
अभियान को जन-आंदोलन का रूप देने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की जा रही है। नागरिकों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने वाहन या बैग में बिस्कुट, भोजन पैकेट या पानी की बोतल रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर सहायता की जा सके, लेकिन नकद धनराशि न दी जाए। सिरसा और आसपास के क्षेत्रों में इस पहल को लेकर चर्चा तेज हो गई है और कई लोग इसे समाज सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं।

















