हरियाणा: मिल्खा सिंह का राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, पंजाब में एक दिन के शोक का ऐलान
चंडीगढ़. भारत के महान फर्राटा धावक ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह (Milkha Singh) का एक महीने तक कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से जूझने के बाद निधन हो गया. मिल्खा सिंह के निधन पर पंजाब (Punjab) के cm ने शोक जताया और कहा कि पंजाब सरकार मिल्खा सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करेगी और ट्रैक लीजेंड के सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा. बता दें कि शुक्रवार देर शाम 91 वर्षीय मिल्खा सिंह की कोविड-19 (Covid-19) के बाद उत्पन्न हुई जटिलताओं के कारण हालत गंभीर हो गई थी, जिसके बाद रात करीब 11:30 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली.
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘पंजाब सरकार मिल्खा सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करेगी और ट्रैक लीजेंड के सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा’. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि महान एथलीट मिल्खा सिंह का निधन एक युग का अंत है और उनके जाने से भारत और पंजाब एक लिहाज से गरीब हुए हैं.
अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में कहा, मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर सुनकर मैं काफी दुखी हूं. मिल्खा सिंह का जाना एक युग के अंत का प्रतीक है. शोक संतप्त परिवार और लाखों प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना. फ्लाइंग सिख की किवदंती आने वाली पीढ़ियों के लिए गूंजेगी. आपकी आत्मा को शांति मिले. वहीं पद्मश्री मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि- “मिल्खा सिंह जी के निधन से, हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है, जिसने देश की कल्पना पर कब्जा किया था और अनगिनत भारतीयों के दिलों में उनका एक विशेष स्थान था. उन्होंने अपने प्रेरक व्यक्तित्व ने खुद को लाखों लोगों का प्रिय बना दिया. उनके निधन से आहत हूं.
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था.