हरियाणा: सुनील चौहान। रेवाड़ी की नई अनाजमंडी में 10 दिनों से बाजरे की खरीद की जा रही है। एमएसपी 2250 रुपए के हिसाब से सरकार खरीद नहीं कर रही, बल्कि आढ़ती ही 1200 से 1400 रुपए प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं।
हालांकि सरकार भावांतर भरपाई के तहत 600 रुपए किसानों के खाते में डालेगी, लेकिन यह पैसा कब तक आएगा और किसे मिलेगा, स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये 600 रुपए मिलाकर भी किसानों को मिल रहे भाव के अंतर की भरपाई नहीं कर पाएंगे। रेवाड़ी मंडी में अब तक 48 हजार क्विंटल की खरीद हो चुकी है। एमएसपी के हिसाब से प्रति क्विंटल 300 रुपए का भी घाटा लगाएं तो रेवाड़ी में किसान 1.44 करोड़ रुपए नुकसान झेल चुके हैं। किसानों को प्रति एकड़ 4-5 हजार रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
जड़थल के किसान प्रहलाद सिंह ने कहा कि किसी को बेटी की शादी करनी है, किसी को कुछ काम है। बाजरा न बिका तो कर्ज लेना पड़ेगा। अब 450 रुपए का नुकसान हो रहा है। रामगढ़ के बेगराज का कहना है कि सरकार के 600 मिलाकर एमएसपी वाला घाटा पूरा हो सकता है।
भिवानी: सरकारी खरीद न होने से किसानाें के काम प्रभावित
भिवानी| किसानाें काे बाजरा बिक्री में भावांतर याेजना के बावजूद 350 से 550 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि जाे किसान किसी कारण से बाजरा का पंजीकरण नहीं करवा पाए थे, उन्हें प्रति क्विंटल 950 से 1150 रुपए का आर्थिक नुकसान हाे रहा है।
बाजरे की सरकारी खरीद अभी तक किसी भी खरीद केंद्र पर शुरू नहीं की गई है। जिले में 10 हजार किसानाें ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। गांव डूडीवाला के किसान रामअवतार ने बताया कि 1288 रुपए प्रति क्विंटल बाजरा बेचा है, क्याेंकि उन्हें जरूरी घरेलू कार्याें के लिए पैसे की जरूरत है। अगर सरकार के हिसाब से बाजरा बिक्री करेंगे ताे पता नहीं, उन्हें कितने दिन घर पर ही बाजरा रखना पड़े।
2 बड़े सवाल: 25 फीसदी का क्राइटेरिया तय नहीं
- सरकार ने इस बार सिर्फ 25 % बाजरा ही एमएसपी पर खरीदने का ऐलान किया है। ये 25% बाजरा किस क्राइटेरिया से खरीदा जाएगा तय नहीं है।
- प्रति एकड़ 600 रुपए का लाभ कैसे मिलेगा, यह तय नहीं है। मंडी में किसान 1 अक्टूबर से ही बाजरा बिक रहा है। इससे पहले भी किसान बाजरा बेच चुके हैं।
नारनौल: 560 क्विंटल बाजरे की आवक, अभी 394 ही बिका
नारनौल| महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुड़गांव, झज्जर, व दादरी व भिवानी के कुछ हिस्से की खरीफ मौसम की नकदी फसल बाजरा है। किसान अपनी बाजरे की फसल को बेच कर रबी फसल की बिजाई, त्योहारी सीजन व शादी-विवाह की तैयारी करते हैं। किसानों पर जल्द फसल बेचने का दबाव भी है, जिसके चलते किसानों को अपनी फसल कम दामों में बेचनी पड़ रही है। मार्केट कमेटी नारनौल के रिकाॅर्ड के अनुसार 5 अक्टूबर तक अनाज मंडी में कुल 560 क्विंटल बाजरे की आवक हुई है, परंतु अधिक नमी के कारण अभी तक 394 क्विंटल बाजरा ही खरीदा गया है। हमीदपुर के किसान राजेंद्र सिंह ने कहा कि बाजरा कम रेट में खरीदने से किसानों पर मार पड़ रही है।















