अंधड़ से हुए नुकसान को लेकर हाल चाल पूछने बोर्डर पर पहुंचे गुरुनाम सिंह चढूनी

बावल / नीमराणा: सुनील चौहान। कृषि बिलों के विरोध में दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानो का जायजा लेने सोमवार शाम को गुरुनाम सिंह चढूनी बोर्डर पर पहुंचे तथा किसानों से हालचाल पूछा। उन्होंने कहा किसान किसी कीमत पर पीछे हटने वाले नहीं है चाहे उन्हे यहीं पर पक्के कमरे बनाकर ध्ररना देना पडे।  गौरतलब है कि दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर पर आए तेज अंधड़ के चलते कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे किसानों के अधिकतर टेंट उखड़ गए ​थे। इतना ही नहीं अचानक आए अंधड से किसानों को टेंट से बाहर निकलने मौका तक नहीं मिला जिसके चलते अनेक किसान गंभीर रूप से घायल हो गए, घायल किसानों को राजस्थान के नीमराना व बहरोड के अस्पतालों में पहुंचाया गया। सभी उपचाराधीन किसानों की हालत खतरे से बाहर है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर खेड़ा बॉर्डर पर 167 दिनों से हरियाणा व पंजाब के कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर हाईवे के बीच में बैठे हुए हैं। खेड़ा बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता संजय माधव ने बताया कि  तूफान से भारी नुकसान हुआ है। अधिकतर टेंट उखड़ने के साथ ही अस्त-वयस्त हो गए। घायल किसानों में गणपत राम, भगत सिंह, रामप्रसाद सहित करीब 10 किसान हैं। इनके सिट में चोट से लेकर हाथ पैरों पर भी गंभीर चोटें आई हैं। माधव का कहना है कि बावजूद इसके किसानों का हौसला नहीं टूटा है। देर रात एक बार फिर से किसान अपने टेंट को खड़ा करने में लगे रहे। इससे पहले भी तेज तूफान में किसानों को अधिकतर टेंट फट चुके हैं, लेकिन इस बार चोट लगना चिंता का विषय है।

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