Haryana News: प्राइवेट स्कूलों की मोटी व मनमर्जी फीस और किताब व ड्रेसों के नाम पर होने वाली लूट को लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के 10 गांव के लोगों ने एक बड़ा फैसला ले लिया है। अब वह अपने बच्चे केवल सरकारी स्कूल में ही पढाएगी। प्राईवेट स्कूलो दाखिले का जमकर बहिष्कार किया गया है।
Haryana News: हरियाणा के 10 गांव की बैठक हुई। पूर्व पंच घनश्याम सिंह ने बताया कि रविवार को कनाडा में बुलाई गई बैठक में 10 गांव के ग्रामीण ने निर्णय लिया कि अब वह अपने बच्चे सरकारी स्कूल में ही पड़ाएगें। निर्णय लिया कि वे अपने बच्चो को किसी भी कीमत पर प्राईवेट स्कूलो में नही पढाएंगें।
जानिए क्यों लिया ये फैसला: ईद के दिन महेंद्रगढ़ जिले के पास जीएल पब्लिक स्कूल की बस ड्राइवर और प्रिंसिपल लापरवाही से हादसे का शिकार हो गई स्कूल बस इस दुर्घटना में छह बच्चो की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक बच्चे घायल हो गए। इस घटना के बाद हर कोई चिंता में पड़ गया है कि वह अपने बच्चों का एडमिशन कौन से स्कूल में कराए।
परंतु हरियाणा के 10 गांव ने फैसला लिया है कि अब हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में हम अपने बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे क्योंकि हमारे बच्चों के साथ कुछ होने जाए इसलिए वह सभी अपने बच्चों के ऐडमिशन हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कराएंगे।
हरियाणा की 10 गांव ने बड़ा फैसला लेते हुए एक कदम उठाया है कि हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों में पूरी तरह से लूट लूट मचा रखी है उसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा के गांव के लोगों ने बड़ा फैसला लिया है और हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं दिलाने को को लेकर बड़ी बात कही है हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों में माता-पिता अपने बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे।
10 गांवो की पंंचायत ने लिया अहम फैसला
प्राइवेट स्कूलो मे नही पढाने का फेसला हरियाणा के 10 गांव ने एक साथ मिलकर लिया है। हरियाणा में हम अपने बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन नहीं कराएंगे । हम अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएंगे जहां पर प्राइवेट स्कूलों से काफी अच्छी शिक्षा मिलती है।
पढाई के नाम पर लूट: ग्रामीणो ने कहा कि हरियाणा के स्कूलों में काफी ज्यादा फीस ली जा रही है और वह काफी ज्यादा माता-पिता पर बोझ पड पड़ता है जिससे हरियाणा के जनता ने बड़ा कदम उठा लिया है और बता दिया है कि अब वह प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला नहीं कराएंगे। 10 गांवो के इस फैसल से अब प्राइवेट स्कूल संचालको की नीद उड गई है।