ऑनलाइन गेम जाल में फंस कर बर्बाद हो रहे युवा, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने रोक लागने की मांग
Online Games: आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन गेम्स बच्चों और युवाओं के बीच अभूतपूर्व लोकप्रियता प्राप्त कर चुके हैं। हालांकि ये गेम्स मनोरंजन और समय बिताने का एक अच्छा माध्यम हो सकते हैं, लेकिन इसके कुछ गंभीर नकारात्मक पहलू भी हैं, जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं।
बड़ी संख्या में ऑनलाइन गेम युवाओं और बच्चों को अपना शिकार बना रही है। जिसका खामियाजा अभिभावकों को झैलना पड रहा है। इस गेम से ना केवल उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है बल्कि इस गेम को खेलने के लिए कर्ज (Financial loss due to online gaming) तले भी दब रहे
लत और मानसिक स्वास्थ्य
ऑनलाइन गेम्स की सबसे बड़ी समस्या है उनकी लत लग जाना। कई युवा इन खेलों में इतना खो जाते हैं कि अन्य जरूरी गतिविधियों को नज़रअंदाज कर देते हैं। यह लत मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, जैसे कि अवसाद, चिंता, और असामाजिक व्यवहार।
शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
लंबे समय तक ऑनलाइन गेम्स खेलने से शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। लगातार स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों में समस्या, गर्दन और पीठ में दर्द और मोटापा जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
समय प्रबंधन और सामाजिक जीवन
ऑनलाइन गेम्स की लत समय प्रबंधन और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित कर सकती है। खेल में अधिक समय देने से पढ़ाई, काम और परिवार के साथ समय बिताने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
सावधानियां और समाधान
इस समस्या से निपटने के लिए सावधानी और समाधान आवश्यक हैं। समय सीमा निर्धारित करना, ब्रेक लेना और अन्य गतिविधियों में भाग लेना महत्वपूर्ण हो सकता है। अभिभावकों को भी चाहिए कि वे बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करें।
बैठक कर जताया रोष: अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के हरियाणा प्रांत सचिव शेफ तरुण सिकरवाल व रेवाड़ी जिला अध्यक्ष विपिन धींगरा, संगठन मंत्री कृष्ण कुमार, धारुहेड़ा प्रभारी मनीष शर्मा की ओर से बैठक आयोजित कर ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव पर चिन्ता जताई ।
आज प्रत्येक घर के बच्चे के हाथ मे मोबाइल होने के कारण ऑनलाइन गेम खेलने के आदी हो चुके हैं। जिससे उनकी शिक्षा व समय दोनों नष्ट हो रहे हैं। शारीरिक रूप से भी बच्चे दुर्बल हो रहे हैं, जिसको देखते हुए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने ऑनलाइन गेम के विरुद्ध एक क्रांति छेड़ी है जिसमें जागरूकता के तहत जगह-जगह बैठक और गोष्ठी आयोजित करके ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव से अवगत करवा रहे हैं।
तरूण सिकरवाल ने कहा की देश भर में इस समय ऑनलाइन गेम के नाम पर सट्टे का कारोबार खूब फल फूल रहा है। इन गेम्स का प्रचार प्रसार सेलिब्रिटी कर रहे हैं इसका असर यह हो रहा है कि बच्चे से लेकर बड़े तक इन गेम्स के लती बन रहे हैं। कई मामलों में तो चोरी से लेकर से आत्महत्या जैसे कदम तक उठा रहे हैं देश भर में सांसदों से मिलकर ऐसे गेम्स पर रोक लगाने की मांग करेगी ।
नाम ना बताने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि उसने पहले ऑनलाइन गेम तीन पत्ती से खेलना शुरू किया था. शुरुआती दौर में उसने काफी रकम भी इस गेम से जरूर जीती परंतु कुछ समय बाद वह लगातार हारना शुरू हो गया। थोड़ा-थोड़ा करके वह आज कर्ज के (online games are dangerous) तले दब चुका है. इसी तरह एक और शख्स सामने आया जिस ने बताया कि घर पर फोन बच्चों के हाथ में होने पर भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
जानकारी देते हुए anil ने बताया कि साथी पड़ोसी जिसका बेटा हरदम मोबाइल पर गेम खेलता था और गेम से ही उसने लगभग 3 लाख 18 हजार बर्बाद कर दिए।
जुआ (Financial loss due to online gaming) सबसे ज्यादा पढ़े लिखे या अध्ययनरत युवा को अपना शिकार बना रहा है। शहर में विविध क्षेत्रों में ऐसे लोग मिल जाएंगेे जो आक्ट्रो तीन पत्ती नाम से गेम लगाने व गेम के लिए ऑनलाइन क्वाइन बिक्री में लगे हैं। कई युवा के इसके चलते अपनी जान भी गवा चुके हैं