Haryana: दलाई लामा को नोबल शांति पुरस्कार क्यों मिला, जानिए वजय ?

DALIMA LAMA

Haryana:  हरियाणा के जिला रेवाड़ी के बावल रोड़ पर तिब्बत शरणार्थी मार्केट की ओर से बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को नोबल शांति पुरस्कार दिए जाने की वर्षगांठ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्र्म शुभारंभ रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव के पुत्र निशांत यादव ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक रामावतार गौतम ने भारतीय व तिब्बती सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक एकता पर विचार रखते हुए कहा कि भारत तथा तिब्बत की सांस्कृतिक एकता सम्राट अशोक के काल से आज तक कायम है।Haryana

शरणार्थी मार्केट के अध्यक्ष लोपसंग चुनचिंग ने बताया कि बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को 10 दिसंबर 1989 को नोबल शांति पुरस्कार दिया गया था। आयोजन में तिब्बत शरणार्थी बालिकाओं ने गंप डांस पोताला, तिब्बितियन जम्पा, लद्धारबी और हिमाचली पहाड़ी नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दिया।Haryana

रेवाड़ी के बावल रोड़ पर तिब्बत शरणार्थी मार्केट की ओर से बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को नोबल शांति पुरस्कार दिए जाने की वर्षगांठ पर  कार्यक्रम का आयोजन किया
रेवाड़ी के बावल रोड़ पर तिब्बत शरणार्थी मार्केट की ओर से बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को नोबल शांति पुरस्कार दिए जाने की वर्षगांठ पर कार्यक्रम का आयोजन किया

 

इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 15 वर्षों से वे अहीरवाल की पावन धरती पर आ रहे हैं तथा यहां के लोगों का भरपूर सहयोग उन्हें मिला है।Haryana

ये रहे मोजूद: इस मौके पर रामावतार लाबा सह विभाग संघचालक, डा. लक्ष्मीनारायण प्रांत सह प्रचार प्रमुख, राधेश्याम मित्तल जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, विनय सोनी जिला संयोजक भारत विकास परिषद, डा. रामबाबू यादव भारत विकास परिषद, अरविंद यादव अधिवक्ता, पूर्व तहसीलदार संतराम सैनी आदि मौजूद रहे।