Haryana News: कहां गए DC और केंद्रीय मंत्री के दावे, नही थमा भिवाडी का काला पानी?

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नासूर बना धारूहेडा के लिए भिवाडी का दूषित पानी, नहीं काम आई एनजीटी व प्रशासन की चेतावनी

धारूहेडा: भिवाडी से आ रहे दूषित व रसायन युक्त पानी धारूहेडावासियो के लिए नासूर बना हुआ है। बगैर बारिश ही रोजाना अथाह पानी धारूहेडा मे आ रहा है। राजस्थान प्रशासन को न तो अदालत का डर है न ही रेवाडी प्रशासन की चेतावनी का।Maharana Pratap Jayanti:: जय जयकारो से गूंजा धारूहेडा, डीजे की धुन पर निकाली बाइक रैली

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31 मई तक दिया था समाधान का दावा

पिछले छह माह पहले भिवाडी, धारूहेडा जिला प्राशासन की बैठक में 31 मई तक पानी का समाधान करने का आशसन दिया गया था। इतना ही नहीं सेंपल लेकर कार्रवाई करने की बात तक कही गई थी। न तो प्रशासन भिवाडी के सैंपल लेकर रिपोर्ट जनता को दिखाई ओर नही पानी रोका गया। सरेआम काला एवं दूषित रसायनय युक्त पानी छोडा रहा है। सबसे अहम बात यह है राजस्थन प्रशासन को हरियाणा प्रशासन को कोई भय ही नहीं है।PANI scaled

ऐसी क्या है मजबूरी रेवाडी प्रशासन की

धारूहेडा वासियो का एक ही सवाल है सरेआम पक्का नाला बनाकर काला पानी भिवाडी छोड कर रहा है? रेवाडी प्रशासन की ऐसी क्या मजबूरी है जो पानी को नहीं रहा है। रेवाडी प्रशासन की कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठ रहे है

एनजीटी की फटकार, जुर्माना, फिर भी सुधरे हालत

भिवाड़ी स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र से धारूहेड़ा व आसपास के गांवों में दूषित एवं रसायन युक्त पानी सालों से छोड़ा जा रहा है। दूषित पानी के इस मामले को लेकर धारूहेड़ा नपा की पूर्व उप-चेयरपर्सन सुमित्रा मुकदम ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की हुई है।

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दायर की गई याचिका के बाद राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले में एनजीटी द्वारा तलब किया जा चुका है।Rewari: महाराणा प्रताप जयंति पर धारूहेडा में निकाली बाइक रैली

राजस्थान के भिवाड़ी से धारूहेड़ा की तरफ बरसाती पानी के लिए पूर्व की सरकार द्वारा नाला बनवाया गया था। परन्तु इसमें बरसाती पानी की जगह भिवाड़ी की कम्पनियों का दूषित व कैमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है।

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कई बार बैठक, समाधान कुछ नहीं

पानी समस्या को लेकर कई बार हरियाणा व राजस्थान के ​अधिकारियो की बैठके भी हुई, एनजीटी ने चेतावनी देते हुए जुर्माना भी लगाया, मगर वही ढाक के तीन पात। पानी लगातार छोडा जा रहा है। औद्योगिक कस्बे के बंद पडी सहगल पेपर मिल के पास 100 एकड मे पानी जमा हो रहा है।