Rewari News: धारूहेड़ा साहबी बैराज में कैमिकल युक्त से मरी हजारों मछलियो की दुर्गंध आस पास के लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है।
खरखडा की सरपंच सुशीला देवी व एक नई फाडेशन की ओर से प्रशासन को सूचना देकर मरी हुई मछलियों को झील से निकालकर मिट्टी में दबाने की मांग की है। बता दे कि दो दिन पहले झील में दूषित पानी से हजारों मछलियां मर गइ थी।
मछलियां के मरने के बाद सिचाई व जन स्वास्थ्य विभाग टीम ने झील का दौरा किया। टीम ने मछलियों के सेंपल भी भेजे गए है। लेकिन मरी हुई मछलियां को झील से नहीं निकाला गया है। मछलियों की दुर्गध से वहां से गुजर रहे लोग भी परेशान है।
बता दे कि करीब 8 साल पहले साहबी (मसानी) बैराज की करीब 500 एकड़ जमीन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के जूलॉजिकल एंड नेचर पार्क बनाए जाने पर योजना तैयार की थी। स्वयं पूर्व मनोहर सरकार यहां आकर विजिट करके इसे सिरे चढाने के लिए कहा था। लेकिन सारी प्लानिंग केवल दूषित पानी की झील बनकर रह गई हैं।
बैराज में एसटीपी से बिना ट्रीट किया हुआ पानी छोडा जा रहा है। बारिश के पानी के साथ दूषित पानी धडल्ले से आ रहा है। एनजीटी ओर से दूषित पानी को लेकर एसटीपी विभाग पर जुर्माना भी लगाया हुआ है, लेकिन पानी अभी भी दूषित छोडा जा रहा है।