धारूहेड़ा: यहां के सेक्टर छह व चार में बंदरों का आतंक चरम पर है। झुंड के झुंड में बंदर हर जगह मंडराते नजर आ रहे हैं। गली मोहल्ला में लोगों का पैदल गुजरना मुश्किल हो गया है। आए दिन इन बंदरों के हमलों से लोग घायल हो रहे हैं। बंदरो को पकडने के लिए दिए गए टैंडर का क्या फायदा जब बंदर ही नही पकडे जा रहे है।रेवाडी में पुलिस कर्मियों की धुनाई करने वालो को दबोचना बना चुनौती, तीन दिन बाद भी पुलिस को हाथ खाली
बंदरों के झुंड घर की छतों से लेकर गली मोहल्लों की सड़कों में बैठे नजर आते हैं। पिछले छह माह में बार बार लोग शिकायत कर रहे है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। लोगो का आरोप है ठेकेदार के साथ मिलकर अधिकारी अपने जेब भर रहे है। जबकि छह माह से बंदर पकडे ही नहीं जा रहे है।

अप्रेल माह मे एक महिला को काट लिया था, जून में पांच साल की बच्ची का काटा था। शुक्रवार को सेक्टर छह मे मां बेटी पर बंदर छपट पडा, जिससे चलते चार साल की बच्ची घायल हो गई। सेक्टरवासियो का कहना है जब ऐंजेसी को टेडर दिया है तो उसके बिल बिना बंदर पकडे कैसे पास हो रहे है। अगर काम नही किया जा रहा है उसे आज तक ब्लैक लिस्ट करके दूसरा टैंडर क्यों नही दिया गया है।NCR से मोबइल चोरी कर बांग्लादेश में बेचते, पकडा गया देश का सबसे बडा मोबाइल चोर गिरोह

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सेक्टरो में बुदंर झुंडो में धूम रहे है। नपा टीम कोई सुनवाई नहीं कर रही है। बच्चो को घर से निकाना दूभर हो गया है। रोज बंदर बच्चो को काट रहे है।
कुंज बिहारी सेक्टर छह
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पूरा प्रशासन की बेकार है। न तो नपा टीम नही डीसी कोई सुनवाई कर रहा है। कई बार डीसी को सूचना दे चुके है, धारूहेड को लूटा जा रहा है कार्य कुछ नहीं हो रहा है।
श्रवण कुमार, सेक्टर छह
















